बीते दिनों हिजबुल्लाह ने इजरायल के उत्तरी इलाके में हमले किए थे। मिसाइल अटैक्स के चलते बड़ी संख्या में इजरायलियों को सुरक्षित ठिकानों में शरण लेनी पड़ी। अब बीते करीब 10 दिनों से इजरायल का ऐक्शन जारी है और उसने उत्तरी लेबनान के बड़े हिस्से में अटैक किए हैं। यहां तक कि राजधानी बेरूत में भी इजरायली सेना ने एयरस्ट्राइक की हैं। इस बीच इजरायल ने आरोप लगाया है कि हिजबुल्लाह उसके दक्षिणी इलाके में उसी तरह का हमला करना चाहता था, जैसा 7 अक्टूबर को हमास ने किया था। उस हमले में 1200 इजरायली मारे गए थे, जबकि 250 लोगों को अगवा कर लिया गया था।
इजरायल डिफेंस फोर्स के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने मंगलवार को दावा किया कि हिजबुल्लाह की प्लानिंग इजरायल के सीमांत गांव में हमले कर बेस बनाने की थी। हिजबुल्लाह पर अब इजरायली सेना जमीनी हमले भी कर रही है और उसके कुछ ठिकानों पर रेड मारी है। यही नहीं अपने सीमांत इलाकों में हमले का डर भी इजरायल को सता रहा है। इसी के चलते उसने नागरिकों से अपील की है कि वे दक्षिणी क्षेत्र में गाड़ियों से न आएं। अगले आदेश तक के लिए यह चेतावनी जारी की गई है। यही नहीं इजरायली डिफेंस प्रवक्ता ने यह भी बताया कि हिजबुल्लाह ने इजरायल पर जो हमला किया था, उसे ‘गलील पर फतह’ नाम दिया गया था।
दरअसल इजरायल का लेबनान से लगता क्षेत्र गलील कहलाता है। यह एक पहाड़ी इलाका है, जो बेहद खूबसूरत है। यहीं पर लितानी नदी बहती है। गलील को अपर गलील और लोअर गलील के तौर पर दो क्षेत्रों में विभाजित करके देखा जाता है। गैलील का तात्पर्य माउंट कार्मेल-माउंट गिल्बोआ रिज के उत्तर और लितानी नदी के पूर्व-पश्चिम खंड के दक्षिण के सभी क्षेत्रों से है। इस तरह गलील पर फतह से हिजबुल्लाह का तात्पर्य इस क्षेत्र पर कब्जा जमाना था। ऐसा इजरायल की ओर से दावा किया गया है।
इजरायल की सेना ने कहा कि हमने तय किया है कि अब दोबारा 7 अक्टूबर जैसी घटना नहीं होने देंगे। दरअसल बीते साल 3000 के करीब हमास लड़ाके इजरायल की सीमा में जमीन, हवा और समुद्र के रास्ते घुस आए थे। इस हमले में उन्होंने 1200 इजरायलियों को मार डाला था। इसके अलावा करीब 251 लोगों को बंधक बना लिया था। इनमें से ज्यादातर आम नागरिक ही थे। इस घटना के बाद से ही इजरायल गाजा पर लगातार हमले बोल रहा है। अब तक गाजा में करीब 36000 लोग मारे जा चुके हैं। इसके अलावा हिजबुल्लाह से भी इजरायल का मोर्चा खुल चुका है। यहां तक कि यमन में सक्रिय उग्रवादी संगठन हूती से भी उसकी कुछ झड़पें हुई हैं।