बुधवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि वह ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े ठिकानों पर इजरायल द्वारा किसी भी हमले का समर्थन नहीं करेंगे। ऐसा माना जा रहा है कि ईरान द्वारा किए गए मिसाइल हमले के जवाब में इजरायल उसके परमाणु स्थलों को निशाना बना सकता है। हालांकि बाइडन से बुधवार को जब पूछा गया कि ईरान द्वारा मंगलवार को इजरायल पर लगभग 180 मिसाइल दागे जाने के बाद क्या वह इस तरह की जवाबी कार्रवाई का समर्थन करेंगे तो उन्होंने कहा, ‘‘इसका जवाब ‘ना’ है।’’
बाइडन ने यह टिप्पणी ऐसे समय की है जब उनके और जी-7 के अन्य नेताओं ने बुधवार को ईरान के खिलाफ नए प्रतिबंधों के समन्वय पर फोन पर चर्चा की थी। व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि जी-7 नेताओं ने ‘ईरान द्वारा इजरायल पर किए गए हमले की स्पष्ट रूप से निंदा की’ और बाइडन ने अमेरिका की ओर से ‘इजरायल और उसके लोगों के प्रति पूर्ण एकजुटता और समर्थन’ की बात दोहराई।
इस बीच, अमेरिकी प्रशासन ने संकेत दिया है कि उसने इजरायल से आग्रह किया है कि वह मंगलवार के मिसाइल हमले का जवाब देने में संयम बरते। अमेरिका और उसके सहयोगी इस क्षेत्रीय संघर्ष को फैलने से रोकने की बात कर रहे हैं, जो 7 अक्टूबर को गाजा के हमास आतंकियों द्वारा इजरायल पर हमले से शुरू हुआ था।
इस बीच लेबनान में हिजबुल्ला आतंकवादियों के खिलाफ इजराइल की जमीनी लड़ाई में बुधवार को आठ इजराइली सैनिक मारे गए। वहीं क्षेत्र में तनाव और बढ़ने की आशंका है क्योंकि इजराइल ने ईरान द्वारा एक दिन पहले किए गए बैलिस्टिक मिसाइल हमले का जवाब देने की प्रतिबद्धता जतायी है। इजराइली सेना ने कहा कि दो अलग-अलग हमलों में सात सैनिक मारे गए, लेकिन उसने इस संबंध में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी। ये हमले पिछले कुछ महीनों में इजराइली सेना के खिलाफ़ हुए सबसे घातक हमलों में से एक थे।
(इनपुट एजेंसी)