देश में बढ़ते खालिस्तानी विरोध प्रदर्शन की घटनाओं के बीच अब कनाडा ने कहा है कि वह भारत के खिलाफ विदेशी हस्तक्षेप की जांच कर रहा है। यह जांच पिछले साल खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से संबंधित जांच से अलग है। रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस, RCMP के डिप्टी कमिश्नर मार्क फ्लिन ने गुरुवार को संघीय चुनावी प्रक्रियाओं और लोकतांत्रिक संस्थानों में विदेशी हस्तक्षेप की सार्वजनिक जांच करने वाली एक संगठन के सामने ये बातें कही हैं। उन्होंने कहा, “हम अलग-अलग जांच कर रहे हैं। इसमें भारत सरकार के खिलाफ जांच भी शामिल है।
इस दौरान फ्लिन ने कहा, “भारत आजाद खालिस्तान के समर्थन में खालिस्तानी विरोध को राष्ट्रीय सुरक्षा चिंता के रूप में देखता है। हालांकि यह कनाडा में हिंसक उग्रवाद की परिभाषा के तहत नहीं आता है।” पुलिस अधिकारी फ्लिन ने यह भी कहा कि भारतीय अधिकारियों ने अक्सर कनाडा में खालिस्तान समर्थक उग्रवाद पर अपनी चिंताओं को उठाया है। उन्होंने कहा, “हालांकि कनाडा में हमने देखा है कि भारत ने हमें ऐसी जानकारी दी है जो भारत में अपराध की परिभाषा में आती हैं लेकिन यह कनाडा में कोई अपराध नहीं है।”
निज्जर की हत्या के मामले में चार भारतीयों की गिरफ्तारी
पिछले साल 18 जून को हुई निज्जर की हत्या की जांच एक खास ग्रुप IHIT द्वारा की जा रही है। इस हत्या की वजह से भारत और कनाडा के बीच संबंधों को बड़ी गिरावट देखी जा रही है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 18 सितंबर 2023 को हाउस ऑफ कॉमन्स में बयान दिया कि भारतीय एजेंटों और हत्या के बीच संभावित संबंध थे। भारत ने उन आरोपों को बेतुका बताया था। इस साल कनाडाई पुलिस ने हत्या के सिलसिले में चार भारतीय नागरिकों की गिरफ्तारी की घोषणा भी की था। अभी तक किसी भारतीय का हत्या से संबंध होने का कोई सबूत सामने नहीं आया है लेकिन कनाडाई कानून प्रवर्तन ने कहा है कि इस पहलू की जांच की जा रही है।
खालिस्तानी अलगाववाद पर भारत ने जताई चिंता
वहीं मई में अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में अधिकारियों ने कहा कि भारत कनाडाई समुदायों और राजनेताओं को प्रभावित करने की कोशिश करने वाली कई गतिविधियों में शामिल है। प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया गया कि इस तरह के भारतीय दखल का मकसद कनाडा में खालिस्तानी अलगाववाद पर चिंताओं से प्रेरित था।