हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक 6 महीने पहले कमान संभालने वाले नायब सिंह सैनी लाडवा विधानसभा सीट से मैदान में हैं। बीते 5 सालों में यह उनकी चौथी सीट है, जहां से वह मैदान में उतरे हैं। वह 2014 में नारायणगढ़ सीट से जीते थे। इसके बाद कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से 2019 में सांसद चुने गए और फिर इसी साल करनाल विधानसभा से जीतकर राज्य के सदन में आए और मुख्यमंत्री बने। अब वह लाडवा सीट से चुनाव में उतरे हैं। सीएम रहते हुए उनके कार्यकाल की बहुत आलोचना नहीं हुई है, लेकिन 10 साल की ऐंटी इनकम्बैंसी का असर उन पर भी हो सकता है।
इसी के चलते लाडवा विधानसभा सीट पर भी सबकी नजरें हैं। इस सीट पर सभी दलों ने मजबूत कैंडिडेट उतारने की कोशिश की है। कांग्रेस ने यहां से मेवा सिंह सिंग्रोहा को उतारा है। वहीं इनेलो से सपना बरशामी को मौका मिला है। वहीं निर्दलीय कैंडिडेट संदीप गर्ग ने भी अपनी ताकत झोंकी है। यही वजह है कि लाडवा सीट पर मुकाबला अच्छा माना जा रहा है। यहां मुख्य मुकाबला मेवा सिंह सिंग्रोहा और नायब सिंह सैनी के बीच ही माना जा रहा है। 2019 के चुनाव में यहां से कांग्रेस के मेवा सिंह को ही जीत मिली थी। उन्होंने करीब 42 फीसदी वोट पाकर फतह हासिल की थी।
इसलिए यहां मुकाबला टाइट है क्योंकि एक तरफ पूर्व विजेता कांग्रेस के विधायक हैं तो वहीं दूसरी तरफ सीएम ही मैदान में हैं। 2019 के चुनाव में इस सीट से भाजपा के डॉ. पवन सैनी उतरे थे, लेकिन वह हार गए थे। इस सीट पर सैनी बिरादरी के लोगों की अच्छी संख्या है। माना जाता है कि यही समीकरण सीएम नायब सिंह सैनी को यहां से उतारने की वजह बना है। इनेलो की सपना भी यहां से 2019 में उतर चुकी हैं, लेकिन तब भी वह तीसरे नंबर पर रही थीं। इस बार भी उनके इसी नंबर पर रहने की संभावना जताई जा रही है।