हरियाणा के पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा का तीसरी बार राज्य का सीएम बनने का सपना टूट गया है, लेकिन वह अपनी सीट पर अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब रहे हैं। उन्हें रोहतक की गढ़ी-सांपला किलोई सीट से 71465 वोटों से जीत गए हैं। यह सीट रोहतक जिले में आती है, जिसे हुड्डा फैमिली का गढ़ माना जाता है। वह एक बार फिर से सीएम बनने की रेस में थे और दावेदारी जताने के लिए नतीजों से पहले ही दिल्ली पहुंच गए थे। लेकिन वोटों की गिनती के बाद से ही कांग्रेस लगातार पिछड़ रही थी और अब भाजपा ने एक तरफ फिफ्टी लगा दी है तो वहीं कांग्रेस 35 पर ही अटक गई है। किलोई में 61 फीसदी मतदान हुआ था। यहां भूपिंदर सिंह हुड्डा का मुकाबला जाट बिरादरी से ही आने वालीं मंजू हुड्डा से था।
वह जिला परिषद की चेयरपर्सन हैं और पार्षद भी रह चुकी हैं। मंजू हुड्डा के पति राजेश हुड्डा एक गैंगस्टर हैं, जिनके खिलाफ कई गंभीर केस दर्ज हैं। भूपिंदर हुड्डा के मुकाबले उतरीं मंजू हुड्डा के पिता प्रदीप यादव हैं, जो हरियाणा पुलिस में डीएसपी रह चुके हैं। राजेश हुड्डा की शह पर ही मंजू ने 2022 में राजनीति में पदार्पण किया था। शुरुआत में वह पार्षद चुनी गई थीं, लेकिन बाद में उन्हें जिला परिषद की चेयरमैन तक बनने का मौका मिला। इसके बाद वह भाजपा में आ गई थीं। 2005 से 2014 तक हरियाणा के सीएम रह चुके भूपिंदर सिंह हुड्डा ने ही कांग्रेस के प्रचार की कमान संभाली थी और माना जाता है कि उनके ही कहने पर हाईकमान ने 72 टिकट बांटे हैं। यही कारण है कि उन्हें सीएम फेस के तौर पर देखा जा रहा था।
हुड्डा की कुमारी सैलजा से अदावत के चलते भी चर्चा रही है कि आखिर सीएम कौन बनेगा। लेकिन हुड्डा के कद और उनकी ताकत को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा था कि उन्हें ही कुर्सी मिलेगी। हुड्डा के अलावा उनके बेटे दीपेंदर को भी सीएम फेस के तौर पर देखा जा रहा था। खुद सीनियर हुड्डा भी चाहते कि बेटे को कमान मिले ताकि वह उनके नेतृत्व में अनुभव ले सकें। लेकिन अब आए नतीजों ने उनके सारे सपनों को तोड़ दिया है और भाजपा ने जीत की हैट्रिक लगा दी है।