मंगलुरु के एक व्यक्ति ने पुराने सिक्के बेचने की कोशिश में 58.26 लाख रुपये गंवा दिए. यह घटना तब शुरू हुई जब वह 25 नवंबर को फेसबुक पर एक विज्ञापन देख रहा था. इस विज्ञापन में पुराने सिक्कों को ऊंचे दामों पर खरीदने का दावा किया गया था. जल्दी मुनाफे के लालच में आकर उस व्यक्ति ने विज्ञापन में दिए गए व्हाट्सएप नंबर पर संपर्क किया और बताया कि वह अपने 15 पुराने सिक्के बेचना चाहता है.
छोटे भुगतान से शुरू हुआ फर्जीवाड़ा
संपर्क करने पर व्यक्ति से 750 रुपये की प्रारंभिक फीस मांगी गई, जिसे उसने ऑनलाइन भुगतान कर दिया. यह रकम उसने इस सोच के साथ दी कि यह प्लेटफ़ॉर्म पर कनेक्शन और सिक्के बेचने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए एक मामूली शुल्क है.
एक के बाद एक बढ़ती मांगें
भुगतान के बाद, अज्ञात लोगों ने व्हाट्सएप पर व्यक्ति से संपर्क किया और कई बहाने बनाकर अतिरिक्त रकम मांगी. जीएसटी प्रोसेसिंग, इंश्योरेंस, टीडीएस, जीपीएस फीस, आईटीआर फीस और आरबीआई नोटिस फीस जैसे कारण बताकर उनसे बार-बार पैसे मांगे गए. व्यक्ति ने इन सभी दावों को सच मानकर आरटीजीएस, एनईएफटी और यूपीआई के जरिए लाखों रुपये भेज दिए.
साइबर पुलिस अधिकारी बनकर धमकी
15 दिसंबर को स्थिति और खराब हो गई जब एक कॉलर ने खुद को ‘मुंबई साइबर पुलिस कमिश्नर गौरव शिवाजी राव शिंदे’ बताकर पेश किया. उसने दावा किया कि आरबीआई की ओर से व्यक्ति पर नोटिस जारी किया गया है और उसे गिरफ्तार किया जा सकता है. इससे बचने के लिए 12.55 लाख रुपये की मांग की गई. डर के कारण व्यक्ति ने 17 दिसंबर को डीसीबी बैंक अकाउंट में 9 लाख रुपये और भेज दिए.
ठगी का अहसास और शिकायत
लगातार बढ़ती पैसों की मांग और आक्रामक रवैये के बाद व्यक्ति को ठगी का एहसास हुआ. उसने महसूस किया कि यह सब एक बड़ा साइबर घोटाला था और उसने कुल 58.26 लाख रुपये गंवा दिए. इसके बाद, उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.
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FIRST PUBLISHED : January 9, 2025, 18:16 IST