Friday, June 20, 2025
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मोबाइल फोन चोरी होते ही खटाखट होने लगा यह काम, बैंक जाते ही खुली पोल, पुलिस के ताबड़तोड़ एक्‍शन से फूले हाथ-पैर – mobile phone theft huge upi transactions bank reveal beneficiaries police swift action


Agency:पीटीआई

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UPI Transaction News: टेक्‍नोलॉजी के विकास के साथ ही लोगों को तरह-तरह की सुविधाएं भी मिलने लगी हैं. इसके साथ ही मुश्किलें भी सामने आ रही हैं. दिल्‍ली में ऐसा ही एक मामला सामने आया है.

मोबाइल फोन चोरी होते ही खटाखट होने लगा यह काम, बैंक जाते ही खुली पोल

मोबाइल फोन चोरी कर UPI ट्रांजेक्‍शन के जरिये एक शख्‍स को तगड़ी चपत लगाई गई है.

नई दिल्‍ली. तकनीक के विकास का लाभ आमलोग भी उठा रहे हैं. अधिकांश सुविधाएं बस एक क्लिक दूर हैं. फिर चाहे वह अच्‍छा खाना हो या फिर कपड़े, जूते, एसी, फ्रिज, टीवी या फिर बिना कैश निकाले और बैंक गए भुगतान करने की सुविधा हो. सबकुछ ऑनलाइन उपलब्‍ध है. लेकिन, इसके साथ ही कई गंभीर परेशानियों का सामाना भी लोगों को करना पड़ रहा है. ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले गिरोह इतने सक्रिय हो चुके हैं कि पलक झपकते ही लोगों के बैंक अकाउंट खाली हो जा रहे हैं. इसमें मोबाइल फोन की भूमिका काफी अहम हो गई है. दिल्‍ली में फ्रॉड का ऐसा ही एक मामला सामने आया है.

एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि दिल्ली पुलिस ने कथित तौर पर मोबाइल फोन चोरी करने और अवैध तरीके से लगभग 1.4 लाख रुपये का लेनदेन करने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. डीसीपी (आउटर दिल्‍ली) सचिन शर्मा ने कहा कि पिछले साल 23 नवंबर को मुंडका निवासी ने अपने मोबाइल फोन की चोरी की शिकायत दर्ज कराई थी. चोरी के तुरंत बाद उसके खाते से 1.4 लाख रुपये की यूपीआई लेनदेन की गई थी. इससे पीड़ित के होश उड़ गए थे.

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दिल्‍ली पुलिस ने शुरू की जांच
शिकायत मिलने कि बाद दिल्‍ली पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी. अधिकारियों ने बताया कि साइबर पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है. अधिकारी ने बताया कि 20 जनवरी को टीम ने अवैध ट्रांजेक्‍शन से जुड़े बैंक अकाउंट के जरिये लाभार्थियों की पहचान कर ली. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई और तेज कर दी. बैंक अकाउंट बेनिफिश‍ियरी का पता चलते ही पुलिस ने मनीष (21) और निशांत (20) नाम के दो संदिग्‍धों को गिरफ्तार कर लिया. इनसे पूछताछ करने पर पता चला कि दोनों किसी अन्य व्यक्ति के इशारे पर काम करते थे. इसके लिए इन्‍हें बाकायदा हिस्‍सा दिया जाता था. पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने चोरी किए गए मोबाइल फोन उसी शख्‍स को सौंपे थे. इसके बाद UPI के जरिये ट्रांजेक्‍शन किया गया था.

मास्‍टरमाइंड की तलाश
मोबाइल फोन का इस्‍तेमाल कर UPI के जरिये ट्रांजेक्‍शन करने के मामले में दिल्‍ली पुलिस को अब मास्‍टरमाइंड की तलाश है. मनीष और निशांत एक तरह से हैंडलर का के तौर पर काम करते थे. पुलिस इस बात का पता लगाने में जुटी है कि इन सबके पीछे कौन है. इस पूरे रैकेट को ऑपरेट करने वाला सरगना कौन है और इसकी जड़ें कहां तक फैली हैं. बता दें कि देश में तमाम तरह के जागरुकता अभियान चलाने के बावजूद लोग साइबर फ्रॉड के शिकार हो रहे हैं.

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