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Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस ने ‘बैंड बाजा बारात’ गैंग का पर्दाफाश किया, जो शादी समारोहों में बच्चों से गहने और नकदी चोरी करवाते थे. गैंग के तीन सदस्य और एक नाबालिग गिरफ्तार. 2.14 लाख रुपये नकद बरामद.

दिल्ली के शादी समारोहों में चोरी करने के लिए 10 से 12 लाख का पैकेज.
Delhi Crime Gang News: दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो शादी समारोहों में आए लोगों के आंख बंद होते ही डिब्बा गायब कर देते थे. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ‘बैंड बाजा बारात’ गैंग का पर्दाफाश कर दिल्लीवालों को अलर्ट कर दिया है. यह गिरोह शादी समारोहों में बच्चों से महंगे-महंगे गहने, जेवरात और नकदी गायब कराते थे. खास बात यह है कि इसके लिए नाबालिग बच्चों को सालाना 10 से 12 लाख रुपये के पैकेज पर रखा जाता था. इसके लिए गिरोह के सदस्य नाबालिग बच्चों को ट्रेनिंग देते थे कि कैसे दुल्हन, दूल्हा और सुहागरात के दौरान महंगे-महंगे गहने और जेवरात चोरी किए जाएं. पुलिस ने ‘बैंड बाजा बारात’ गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इस गैंग में काम करने वाला एक नाबालिग भी पुलिस के हत्थे चढ़ा है.
दिल्ली पुलिस ने खुलासा किया है कि शादियों के मौसम में यह गिरोह मध्य प्रदेश से दिल्ली आकर बड़े होटलों और बैंक्वेट हॉल में चोरी की घटना को अंजाम देते थे. खास बात यह है कि इस गैंग में छोटे-छोटे बच्चों से चोरी करवाया जाता है. बीते कुछ सालों से दिल्ली-एनसीआर में शादी समारोहों से आभूषण और नकदी वाले बैग चुराने की घटनाएं बढ़ रही थीं. दिल्ली पुलिस ने क्राइम ब्रांच को इन मामलों को सुलझाने और आरोपियों को पकड़ने का काम सौंपा. क्राइम ब्रांच ने इंस्पेक्टर दलीप कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया. टीम ने शादी समारोहों के सभी उपलब्ध वीडियो फुटेज का विश्लेषण करना शुरू किया और विभिन्न प्रमुख बैंक्वेट हॉल, फार्महाउस आदि में मुखबिरों को तैनात किया जहां शादी समारोह होते हैं.
‘बैंड बाजा बारात’ गैंग में काम करने वालों की सैलरी
टीम ने शादी समारोहों के सीसीटीवी फुटेज और वीडियो रिकॉर्डिंग का विश्लेषण करने पर तीन संदिग्धों की पहचान की गई, जिनमें एक नाबालिग भी शामिल था. वीडियो फुटेज से पता चला कि संदिग्ध चोरी करने से पहले समारोह स्थलों पर काफी समय बिताते थे, मेहमानों के साथ घुलमिल जाते थे और सही समय का इंतजार करते थे. वे अच्छी तरह से तैयार होकर मेहमानों के बीच घुलमिल जाते थे और सही समय पर बैग चुराकर जल्दी से गायब हो जाते थे.
कैसे पकड़ में आई यह गिरोह?
इसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने उन अपराधियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखनी शुरू की, जो पहले इसी तरह की घटनाओं में शामिल पाए गए थे. मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले से संचालित होने वाले गैंग पर टीम ने फार्महाउस और बैंक्वेट हॉल में जाल बिछाया. टीम ने इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के माध्यम से भी अपराधियों की पहचान करने की कोशिश की. टीम की मेहनत रंग लाई जब एक सूचना मिली और छापा मारकर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और एक नाबालिग को पकड़ा गया, जब वे शास्त्री पार्क मेट्रो डिपो के पास बस स्टॉप पर खड़े थे और अपने गांव मध्य प्रदेश जाने की तैयारी कर रहे थे.
एमपी से आकर दिल्ली में लूट
पुलिस की पूछताछ के दौरान गैंग का सरगना ने बताया कि वे अपने गांव में 9 से 15 साल के बच्चों के माता-पिता को एक साल के लिए 10 से 12 लाख रुपये का लालच देते थे. एक बार सौदा पक्का हो जाने पर पैसे दो या अधिक किश्तों में माता-पिता को सौंप दिए जाते थे और बच्चे को एक साल के लिए चोरी के लिए रखा जाता था. दिल्ली लाने के बाद बच्चों को एक महीने की ट्रेनिंग दी जाती थी कि शादी समारोहों में कैसे चोरी करनी है और समारोह स्थलों पर लोगों के साथ कैसे घुलमिल जाना है. ट्रेनिंग के दौरान बच्चों को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाया जाता था ताकि पकड़े जाने पर वे अपनी पहचान और अपने गैंग के सदस्यों की पहचान न बताएं. बच्चों को समारोह में शामिल होने के लिए अच्छे कपड़े पहनने और संदेह दूर करने के लिए स्नैक्स खाने के लिए भी कहा जाता था.
इस गैंग में वयस्क पुरुष और महिलाएं भी शामिल होते थे, जो आमतौर पर किराए के घरों में रहते थे और बच्चों को समारोहों में छोड़ते थे और कभी-कभी तीन पहिया वाहनों और मोटरसाइकिलों पर बाहर इंतजार करते थे. महिलाएं बच्चों की देखभाल अपनी तरह करती थीं. असली माता-पिता को बच्चों की भलाई के बारे में नियमित रूप से सूचित किया जाता था. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ‘बैंड बाजा बारात’ गैंग के पास से चोरी किए गए 2,14,000 रुपये नकद, एक मोबाइल फोन, एक जोड़ी पायल, 4 जोड़ी चूड़ियां और एक कमरबंद चांदी के आभूषण बरामद किए हैं.
New Delhi,New Delhi,Delhi
March 06, 2025, 13:54 IST