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Uttarakhand News: हाल ही में कुछ समय से डिजिटल अरेस्ट शब्द बार बार सुर्खियों में आ रहा है. इसकी वजह से कई लोगों को डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लाखों और करोड़ों रुपये तक का नुकसान झेलना पड़ रहा है. उत्तराखंड में पुल…और पढ़ें

डिजिटल अरेस्ट के जाल में लोग कंगाल.
हाइलाइट्स
- उत्तराखंड में डिजिटल अरेस्ट के मामलों में बढ़ोतरी हुई है.
- पिछले ढाई महीनों में 1.85 करोड़ रुपये की ठगी हुई.
देहरादून: डिजिटल अरेस्ट को लेकर सरकार और पुलिस लगातार जागरूकता अभियान चला रही है, लेकिन इसके बावजूद ठगी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे. स्थिति इतनी गंभीर है कि बीते ढाई महीनों में ही 10 मामलों में 1 करोड़ 85 लाख रुपये की ठगी हो चुकी है. हाल ही में उत्तरकाशी में एक विदेशी नागरिक से 30 लाख रुपये ठग लिए गए.
पुलिस और साइबर सेल की बढ़ी चिंता
बढ़ते साइबर अपराध के मामलों ने पुलिस और साइबर क्राइम सेल की चिंता बढ़ा दी है. अपराधी बेहद संगठित तरीके से काम कर रहे हैं. ये ठग किसी को भी फोन या वीडियो कॉल कर खुद को पुलिस अधिकारी या सरकारी एजेंसी का प्रतिनिधि बताकर उन्हें फर्जी कानूनी मामलों में फंसाने की धमकी देते हैं. हड़बड़ाहट में लोग डरकर बड़ी रकम ट्रांसफर कर देते हैं, लेकिन जब इनकी शिकायत होती है तो पुलिस के लिए भी ये अपराधी चुनौती बन जाते हैं.
क्या बोले एसएसपी एसटीएफ?
बीते ढाई महीनों में 10 बड़े मामलों को देखते हुए एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने कहा कि ठगी के मामलों में कुछ कमी जरूर आई है, लेकिन खतरा अभी भी बना हुआ है. उन्होंने साफ तौर पर आम जनता से अपील की है कि डिजिटल अरेस्ट कोई नहीं कर सकता. अगर किसी से पैसे मांगे जा रहे हैं, तो 1930 पर कॉल कर तुरंत शिकायत करें.
डिजिटल क्रांति के इस दौर में जहां सब कुछ ऑनलाइन हो गया है, वहीं साइबर अपराध भी तेजी से बढ़ रहे हैं. अपराधी हर दिन नए-नए तरीके खोज रहे हैं. ऐसे में सिर्फ सतर्कता ही इस ठगी से बचा सकती है. अनजान नंबर से आने वाले कॉल पर बिना पुष्टि के किसी को भी पैसे ट्रांसफर न करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें.
Dehradun,Uttarakhand
March 18, 2025, 12:05 IST