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Delhi News: दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे गिरोह को पकड़ा है, जो महाराष्ट्र और गुजरात से खासतौर पर वारदातों को अंजाम देने के लिए दिल्ली आता था. यहां पर वह 5 स्टार होटल में रुकता और रात में वारदात की ऐसी नई कहानी लि…और पढ़ें

हाइलाइट्स
- महाराष्ट्र और गुजरात से वारदात को अंजाम देने आता था दिल्ली.
- दिल्ली पुलिस के लिए पहले बन गया था यह खतरनाक गिरोह.
- पुलिस ने गिरोह के 3 गुर्गों को अरेस्ट कर 11 मामलों का किया खुलासा.
Delhi News: दिल्ली का बिंदापुर इलाका, जहां बीते कुछ समय से हर रात अपराध की नई इबारत लिखी जाती और हर सुबह ये कहानियां स्थानीय लोगों के दिल में दहशत की एक नई परत बना देतीं. बिंदापुर थाना पुलिस के लिए अपराध की इबारत लिखने वाले अपराधियों को उनकी सही जगह पर पहुंचाना ना केवल एक बड़ी चुनौती, बल्कि नाक का सवाल बन गया था. लिहाजा, पुलिस ने किसी भी कीमत में इन अपराधियों को सलाखों के पीछे ठान लिया.
शुरूआत हुई सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल से. उत्तम नगर से पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के बीच लगे करीब 200 सीसीटीवी कैमरों को खंगाना शुरू किया गया. खासतौर पर डाबरी, दिल्ली कैंट, कनॉट प्लेस और लालकिला इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया. आखिरकार, बिंदापुर पुलिस की मेहनत रंग लाई और एक अनदेखी साजिश का अंत हो गया. वारदातों को अंजाम देने वाले तीन लोग को पुलिस ने गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया.
चोरी का तरीक और अपराधियों की चालें
पुलिस के अनुसार, करण सिंह, एक खतरनाक चोर इस गिरोह का सरगना था. वह नए लोगों को अपने झांसे में फंसा कर उन्हें बड़ा पैसा कमाने का सपना दिखाता. लालच में फंसकर ये लोग दिल्ली आते और वारदातों को अंजाम देना शुरू कर देते. साजिश के तहत, वे सभी दिल्ली के दरियागंज इलाके के एक 5 स्टार होटल में रुकते थे. वे दिन में दिल्ली की गलियों घूमकर घरों की रेकी करते और रात को अपनी वारदातों को अंजाम देते थे.
वारदातों को अंजाम देने के लिए ये सभी मोटरसाइकिल चोरी करते और फिर चुराई गई मोटरसाइकिल को घटनास्थल के पास छोड़ देते थे. इसके बाद, सभी आरोपी अपने कपड़े और हुलिया बदलते, फिर ऑटो रिक्शा पकड़कर पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंच जाते थे. इन चोरों की साजिश इतनी सुनियोजित थी कि पुलिस के लिए इन्हें पकड़ना एक चुनौती बन गया था.
पुलिस की कार्रवाई और सुरागों की खोज
बिंदापुर पुलिस की टीम ने इन अपराधियों का पीछा करने के लिए 200 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज की बारीकी से जांच की. जैसे ही पुलिस को इनकी पहचान मिली, एक सच्चाई सामने आई करण सिंह, जो पहले भी 6-7 मामलों में गिरफ्तार हो चुका था और अपनी पहचान छिपाने के लिए नाम बदल चुका था. पुलिस ने इन आरोपियों द्वारा अंजाम दी गई करीब 11 वारदातों का खुलासा किया है. मामले की छानबीन का सिलसिला अभी भी जारी है.
गिरफ्तार आरोपी और मास्टरमाइंड
पुलिस के अनुसार, इस गिरोह का सरगना 38 वर्षीय करण सिंह है, जो गुजरात के वडोदरा का रहने वाला, जो पहले 6 चोरी के मामलों में शामिल था. वहीं, दूसरे आरोपी की पहचान 25 वर्षीय दर्पण सिंह के तौर पर हुई. दर्पण सिंह महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले का रहने वाला है और पहले भी आर्म्स एक्ट और चोरी के मामलों में शामिल रहा है. वहीं, तीसरा आरोपी एक 17 वर्षीय नाबालिग है, जो इन जघन्य अपराधों का हिस्सा था.