उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ा ऐलान किया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में 16 सितंबर से एक विशेष अभियान शुरू होगा. इस अभियान का लक्ष्य राज्य के हर किसान का पंजीकरण करना है. सरकार का कहना है कि इस बार 2.88 करोड़ से भी अधिक किसानों को रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा. सरकार का मकसद साफ हर किसान का नाम रजिस्टर में जुड़ जाए ताकि उसे सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी देरी के मिल सके.
अभी तक करीब 1.45 करोड़ किसानों का पंजीकरण हो चुका है, जो कुल संख्या का लगभग आधा है. यह एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, लेकिन अब भी लंबा रास्ता तय करना बाकी है. जिन जिलों ने सबसे अच्छा काम किया है, उनमें बिजनौर सबसे आगे है. यहां 58 प्रतिशत से अधिक किसानों का नाम दर्ज हो चुका है. इसके बाद हरदोई, श्रावस्ती, पीलीभीत और रामपुर जैसे जिलों की स्थिति भी मजबूत है. वहीं, कुछ जिले पीछे हैं जहां प्रगति धीमी रही है. सरकार ने तय किया है कि इन जिलों में अतिरिक्त टीम और संसाधन भेजे जाएंगे ताकि पंजीकरण का काम तेजी से हो सके.
क्यों जरूरी है यह पंजीकरण?
अक्सर किसान योजनाओं से सिर्फ इसलिए वंचित रह जाते हैं क्योंकि उनका नाम रजिस्टर में नहीं होता या दस्तावेजों में गड़बड़ी होती है. इस अभियान से यह समस्या दूर होगी. मुख्य उद्देश्य यह है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-Kisan) की अगली किस्त से पहले हर किसान का पंजीकरण पूरा हो जाए. इससे किसी भी पात्र किसान को लाभ लेने में परेशानी नहीं होगी.
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कैसे करें किसान पंजीकरण?
रिपोर्ट्स की मानें तो किसान सीधे यूपी कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं. सबसे पहले “किसान पंजीकरण” विकल्प पर क्लिक करें. वहां एक फॉर्म खुलेगा जिसमें नाम, पिता/पति का नाम, आधार नंबर, बैंक खाता विवरण, जमीन की जानकारी और मोबाइल नंबर भरना होगा. सबमिट करने के बाद आवेदन पूरा हो जाएगा.
इसके अलावा ऑफलाइन भी आवेदन करना होगा. अगर इंटरनेट सुविधा उपलब्ध नहीं है, तो किसान सीधे ग्राम पंचायत, कॉमन सर्विस सेंटर (CSC), तहसील या कृषि विभाग के कार्यालय में जाकर अपना पंजीकरण करवा सकते हैं. वहां अधिकारी उनके आधार और जमीन के कागजात की जांच करके रजिस्ट्रेशन करेंगे.
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