अर्पित बड़कुल/दमोह. ज्यादातर लोग लजीज और तड़केदार खाना खाने के शौकीन होते हैं. दाल हो या सब्जी उन्हें बिना हींग के तड़के के रास नहीं आती. यह हींग जितना खाने के स्वाद को बढ़ाने में कारगर है, उतना ही सेहत के लिए भी लाभकारी होती है. मप्र के दमोह जिले के तेंदूखेड़ा में बाबू दादा की दुकान पर बिकने वाली हींग बेहद ही असरदार है. इस हींग का सेवन करने से बॉडी का बढ़ता हुआ वजन भी तेजी से घटने लगता है.
आयुर्वेद के मुताबिक हींग कैंसर जैसी गम्भीर बीमारी के उपचार में भी असरदार है. भले ही लोग इसका इस्तेमाल भोजन के स्वाद को बढ़ाने के लिए खूब करते हैं. वास्तव में यह हींग आयुर्वेद में चमत्कारी गुणों की खान मानी जाती है.
प्रदेश में मशहूर है बाबू दादा की हींग
बितली गांव के रहने वाले रोहित ठाकुर ने बताया कि ये दुकान करीब 50 साल पुरानी है. यह हींग इतनी शुद्व है कि दमोह जिले के ही नहीं जबलपुर, पन्ना, छतरपुर, नरसिंहपुर और सागर जिले तक के लोग इस दुकान पर हींग लेने के लिए आते हैं. इसे सब्जी, कड़ी में डाला जाता है ताकि खाने का स्वाद बढ़ जाए. इतना ही नहीं जो बदहजमी, कब्ज और पेट से जुड़ी समस्याओं के मरीज होते हैं. उनकी बीमारी को दूर करने में इसका उपयोग किया जाता है. इसके अलावा कैंसर जैसी गम्भीर बीमारी में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.
त्वचा के रोग होंगे दूर
त्वचा के रोग में इसका लेप बनाकर के चेहरे पर लगाने से सौंदर्य के रूप में भी इसका उपयोग होता है. जैसे कि ऐंठने हों गए हैं, प्लेनस जैसे रोगों को दूर करता है. इसका लेप एंटी इंफ्लेमेटरी के साथ साथ एंटीबायोटिक गुण भी होता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी कारगर औषधि है.
आयुर्वेद चिकित्सक डॉक्टर दीप्ति नामदेव ने बताया कि सर्दियों के मौसम में हींग बहुत ही फायदेमंद होती है.यह एक प्रकार का तरल होता है, जो पेड़ की जड़ों से रिसने वाले दूध से तैयार होता है. जिसका इस्तेमाल हम घोल बनाकर खाने का स्वाद बढ़ाने में करते हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 26, 2023, 12:29 IST