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बिहार के करीब 4 लाख नियोजित शिक्षक अब राज्यकर्मी कहलाएंगे। नीतीश कैबिनेट की बैठक में बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 की स्वीकृति मिलने के साथ ही शिक्षा विभाग ने इसे अधिसूचित भी कर दिया। इसके तहत नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा देंगे और आवंटित स्कूल में योगदान करेंगे। योगदान के साथ ही वह विशिष्ट शिक्षक कहलाएंगे। साथ ही उन्हें बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा बहाल शिक्षकों के अनुरूप वेतनमान व अन्य लाभ मिलने लगेगा। सक्षमता परीक्षा पास करने के लिए तीन अवसर दिये जाएंगे। तीसरे प्रयास में भी असफल रहने पर वह स्थानीय निकाय शिक्षक बने रहेंगे और इनको लेकर शिक्षा विभाग अलग से विचार करेगा। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से सक्षमता परीक्षा कराने की तैयारी है।
आठ वर्षों पर प्रोन्नति
बिहार के विशिष्ट शिक्षकों को आठ वर्षों पर प्रोन्नति मिलेगी। प्राथमिक (कक्षा एक से पांच) के विशिष्ट शिक्षक आठ साल के बाद मिडिल स्कूल (कक्षा छह से आठ) के विशिष्ट शिक्षक बनेंगे। वहीं, मिडिल स्कूल के विशिष्ट शिक्षक आठ साल बाद उसी स्कूल के वरीय विशिष्ट शिक्षक बन जाएंगे। बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023 में इसकी विस्तार से चर्चा की गई है।
इसी प्रकार माध्यमिक (कक्षा नौ-दस) के विशिष्ट शिक्षक आठ साल बाद उच्च माध्यमिक स्कूल (कक्षा 11-12) तक के विशिष्ट शिक्षक बन जाएंगे। वहीं, उच्च माध्यमिक के विशिष्ट शिक्षक आठ साल बाद इसी कक्षा के वरीय विशिष्ट शिक्षक होंगे। नियमावली में यह भी कहा गया है कि उच्च स्तर के स्कूल में प्रोन्नति उपलब्ध रिक्तियों के अनुसार की जाएगी।
विशिष्ट शिक्षकों को वेतन संरक्षण का लाभ मिलेगा। अर्थात पूर्व से नियोजित शिक्षक जो अभी अधिक वेतन प्राप्त कर रहे हैं, इसका लाभ उन्हें आगे भी मिलेगा। इससे कम वेतन उन्हें नहीं प्राप्त होगा। प्राथमिक कक्षा के विशिष्ट शिक्षकों को प्रतिमाह मिलने वाली नियोजित के मुकाबले पांच हजार अधिक होगी। प्राथमिक के नियोजित शिक्षकों का मूल वेतन 21,290 है, वहीं विशिष्ट शिक्षकों के लिए यह 25 हजार तय किया गया है। मूल वेतन अधिक होगा तो अन्य भत्तों में भी इसका लाभ मिलेगा। हालांकि, ये न्यूनतम वेतन है, जो नवनिुयक्त को मिलते हैं। जो दस साल पहले से नियुक्त नियोजित शिक्षक है, वो अधिक वेतन पा रहे हैं।