जबलपुर. मध्य प्रदेश के जबलपुर से चौंकाने वाल खबर है. यहां गोल्ड लोन के नाम पर निजी बैंक में 2 करोड़ रुपए की जालसाजी का मामला सामने आया है. बैंक में गोल्ड लोन स्कीम के तहत नकली गोल्ड रखकर लोन लिया गया. जब बैंक का ऑडिट हुआ तब उसमें अमानत के तौर पर रखा गया सोना नकली होने की जानकारी सामने आई. इस पूरी जालसाजी को लेकर बैंक के डिप्टी एग्जामिनर पर भी शक की सुई घूम गई है. आशंका है कि उसने कुछ लोगों के साथ मिलकर इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया. जानकारी सामने आने के बाद बैंक के ऑडिटर ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है. बहरहाल पुलिस ने इस मामले में 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इस खबर के बाद जबलपुर से लेकर बैंक के हेडक्वार्टर तक हड़कंप मच गया है.
जानकारी के मुताबिक, जबलपुर में एचडीएफसी बैंक की पांच ब्रांचों में कुछ लोगों ने नकली गोल्ड रखकर लोन ले लिया. करीब डेढ़ साल पहले की गई धोखाधड़ी का खुलासा उस वक्त हुआ जब बैंक की ऑडिट टीम ने गोल्ड लोन के लिए रखे गए गोल्ड की जांच की. इसमें धातु पर सोने की परत चढ़ी हुई मिली. जब इस मामले की जांच की गई तो एक दो नहीं बल्कि तिलहरी, सिविल लाइन, अधारताल, रांझी और धनवंतरी नगर ब्रांच में कुल 83 गोल्ड लोन केस पाए गए. इनमें नकली सोने को गिरवी रखकर लोन लिया गया. पुलिस ने इस मामले में आरोपी मनोज पटेल और राहुल यादव के लोन प्रोसेस की जांच की. दोनों ने नकली गोल्ड गिरवी रखने की बात कही.
इन आरोपियों के नाम आए सामने
जांच आगे बढ़ी और फिर विवेक झारिया और गौरव रंजन के नाम भी सामने आए. इन्होंने भी फर्जी तरीके से लोन लिया. आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि अंकित सैनी और पंकज विश्वकर्मा ने उन्हें 2 – 3 हजार रुपए देकर लोन लेने के लिए कहा था. इसके लिए नकली गोल्ड भी उन्होंने ही उपलब्ध करवाया. इसके बाद जब बैंक के डिप्टी एग्जामिनर सत्य प्रकाश सोनी से पूछताछ की गई तो उसने गोल्ड की जांच के दौरान चूक होने की बात कही. बहरहाल पुलिस ने इस मामले में अंकित सैनी और पंकज विश्वकर्मा को गिरफ्तार कर लिया है. अन्य लोगों की भी जांच की जा रही है.
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FIRST PUBLISHED : December 24, 2023, 12:19 IST