Thursday, June 26, 2025
Google search engine
Homeदेशदिल्ली में JN.1 का पहला केस, AIIMS में फिर शुरू हुई कोविड...

दिल्ली में JN.1 का पहला केस, AIIMS में फिर शुरू हुई कोविड ओपीडी; कोरोना मरीजों के लिए बेड भी रिजर्व


नई दिल्ली. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) ने बुधवार को कहा कि दिल्ली में कोविड-19 के उपस्वरूप जेएन.1 (JN.1) का पहला मामला सामने आया है. एक अधिकारी के अनुसार, तीन नमूने जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजे गए थे, और उनमें से एक में जेएन.1 स्वरूप की पुष्टि हुई, जबकि शेष दो में ओमीक्रोन की मौजूदगी का पता चला.

जेएन.1 स्वरूप के पहले मामले की पुष्टि करते हुए भारद्वाज ने कहा, ‘जेएन.1 ओमीक्रोन का उप-स्वरूप है और इसमें हल्का संक्रमण होता है. यह दक्षिण भारत में फैल रहा है. घबराने की कोई जरूरत नहीं है. यह हल्के संक्रमण का कारण बनता है.’ एक अधिकारी ने बताया कि बुधवार को कोविड-19 के 9 नए मामले आने के साथ दिल्ली में 35 से अधिक उपचाराधीन मरीज हैं.

उन्होंने बताया कि पहले से कई बीमारियों से ग्रसित 28-वर्षीय एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई, जिसका प्राथमिक कारण कोविड नहीं था. अधिकारी ने बताया, ‘वह व्यक्ति दिल्ली का नहीं था और उसे हाल में एक निजी अस्पताल में भेजा गया था. उसे कई अन्य बीमारियां थीं और जांच में कोविड का पता चला था. व्यक्ति का नमूना जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजा गया है और रिपोर्ट का इंतजार है.’

अधिकारी ने कहा कि व्यक्ति ‘मल्टी-सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम’ से पीड़ित था और उसकी हालत अत्यंत नाजुक थी. उन्होंने कहा, ‘जांच में कोविड की पुष्टि हुई थी और ज्यादातर देखा गया है कि जब मरीज बीमारी के अंतिम चरण में होते हैं तो उन्हें दिल्ली रेफर कर दिया जाता है.’

इस बीच, गुरुग्राम में बुधवार को कोविड-19 के दो और मामले सामने आए, जिससे कुल उपचाराधीन मामलों की संख्या 10 हो गई. देश के कई हिस्सों में जेएन.1 स्वरूप के मामलों के मद्देनजर अधिकारियों ने सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है. गुरुग्राम में जेएन.1 के मामलों की अभी पुष्टि नहीं हुई है. जिलाधिकारी निशांत कुमार यादव ने गुरुग्राम के सभी अस्पतालों को विशेष रूप से कोविड के लक्षणों वाले मरीजों के लिए अलग से ‘आइसोलेशन वार्ड’ स्थापित करने के लिए कहा है.

आदेशों के अनुसार, इन वार्ड को व्यापक देखभाल प्रदान करने के लिए आइसोलेशन बेड और ऑक्सीजन सुविधाओं सहित आवश्यक चिकित्सा बुनियादी ढांचे से सुसज्जित किया जाना चाहिए. आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि देश में कोरोना वायरस के जेएन.1 उपस्वरूप के 40 नए मामले सामने आए हैं और इसके साथ ही संक्रमण के इस स्वरूप के मामले बढ़कर 109 हो गए हैं. गुजरात में 36, कर्नाटक में 34, गोवा में 14, महाराष्ट्र में 9, केरल में 6, राजस्थान और तमिलनाडु में 4-4 और तेलंगाना में 2 मामले सामने आए. उन्होंने बताया कि ज्यादातर मरीज फिलहाल घर में आइसोलेशन में हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि भारत में बीते 24 घंटे में कोविड-19 के 529 नए मामले सामने आए तथा उपचाराधीन मरीजों की संख्या 4,093 दर्ज की गई. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से बुधवार सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटों में कोरोना वायरस के संक्रमण से तीन लोगों की मौत हुई है.

ठंड और कोरोना वायरस के नए उपस्वरूप के कारण हाल के दिनों में संक्रमण के मामलों में तेजी आई है. इससे पहले पांच दिसंबर तक दैनिक मामलों की संख्या घटकर दोहरे अंक तक पहुंच गई थी. अधिकारी ने बताया कि कई नमूने जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजे गए थे और उनमें से एक में जेएन.1 उपस्वरूप के संक्रमण की पुष्टि हुई.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि भारत में कोविड-19 के 529 नए मामले सामने आए तथा उपचाराधीन मरीजों की संख्या 4,093 दर्ज की गई. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से बुधवार सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार बीते 24 घंटे में कोविड-19 से कर्नाटक में दो और गुजरात में एक मरीज की मौत हुई है. ठंड और कोरोना वायरस के नए उपस्वरूप के कारण हाल के दिनों में संक्रमण के मामलों में तेजी आई है.

वहीं, दूसरी ओर दिल्ली में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने आपातकालीन विभाग में कोविड-19 की जांच के लिए बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) सुविधा शुरू करने का निर्णय लिया है, जबकि अस्पताल के एक वार्ड (सी6) में गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए 12 बिस्तर आरक्षित रहेंगे.

बुधवार को जारी एक ज्ञापन के अनुसार, आपातकालीन विभाग में एक ओपीडी स्थापित की जाएगी ताकि मरीजों में कोविड जैसे लक्षणों की जांच की जा सके और चिकित्सा आवश्यकता के आधार पर उनका परीक्षण किया जा सके.

कोविड-19 से गंभीर रूप से संक्रमित रोगियों के लिए विभिन्न उपायों पर चर्चा के लिए बुधवार को एम्स-दिल्ली के निदेशक एम श्रीनिवास की अध्यक्षता में एक बैठक हुई. एम्स-दिल्ली ने आगे निर्णय लिया है कि एसएआरआई जैसे (गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण) लक्षणों वाले रोगियों की जांच की जाएगी. ज्ञापन में कहा गया है कि सी6 वार्ड में 12 बिस्तर गंभीर रूप से बीमार कोविड​​-19 रोगियों के लिए रखे जाएंगे.

Tags: Covid, COVID 19



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments