नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख एस सोमनाथ (S. Somanath) ने गुरुवार को कहा कि सौर मिशन आदित्य एल1 (Aditya L1) छह जनवरी को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल1) पर पहुंचेगा, जहां से अंतरिक्ष यान बिना किसी बाधा के सूर्य का अध्ययन करेगा.
यह मिशन इसी साल सितंबर में शुरू किया गया था. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), बंबई के वार्षिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी कार्यक्रम ‘टेकफेस्ट 2023’ में सोमनाथ ने कहा, ‘आदित्य एल1 अब करीब-करीब वहां पहुंच चुका है. आदित्य एल1 छह जनवरी को शाम चार बजे लैग्रेंज प्वाइंट पर पहुंच जाएगा. हम आदित्य एल1 के इंजन को बहुत नियंत्रित तरीके से संचालित करेंगे, ताकि वह ‘हेलो ऑर्बिट’ नामक कक्षा में प्रवेश कर सके.’
‘लैग्रेंज प्वाइंट’ वह क्षेत्र है जहां पृथ्वी और सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण निष्क्रिय हो जाएगा. सोमनाथ ने कहा कि गुरुत्वाकर्षण पूरी तरह बेअसर होना संभव नहीं है, क्योंकि चंद्रमा, मंगल, शुक्र जैसे अन्य पिंड भी हैं. उन्होंने कहा कि सभी छह पेलोड का परीक्षण किया जा चुका है और वे ‘अच्छे से काम कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि सभी से बहुत अच्छी जानकारी मिल रही है.
भारत के चंद्रयान-3 के बारे में सोमनाथ ने कहा कि डेटा एकत्र करने में अपने योगदान के 14 दिनों के बाद प्रज्ञान रोवर चंद्रमा की सतह पर हमेशा के लिए सो गया. उन्होंने कहा, ‘यह इतिहास में हमेशा के लिए सो गया है. दुर्भाग्य से, हम उम्मीद कर रहे थे कि यह जाग जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जब हमने अपनी प्रयोगशाला में पूरे सिस्टम का परीक्षण किया, तो यह काम कर रहा था.’ सोमनाथ ने बताया कि प्रयोगशाला में काम करने वाली कुछ प्रणालियां विकिरण जैसे विभिन्न कारणों से चंद्र सतह पर काम नहीं कर पाती हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 29, 2023, 01:33 IST