अयोध्या. अयोध्या के राम मंदिर के लिए भगवान राम की मूर्ति का चयन सोमवार को कर लिया गया. सूत्रों के मुताबिक, मैसूर के रहनेवाले अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई मूर्ति का चयन राम मंदिर के लिए हुआ है. ललाट से पैर तक की मूर्ति की लंबाई 51 इंच है और इस मूर्ति में श्रद्धालुओं को भगवान राम के 5 साल के बाल रूप के दर्शन होंगे. बाक़ी अन्य दो मूर्ति, जिनका चयन नहीं हो सका है, उन्हें भी मंदिर परिसर में ही रखा जाएगा. जिस मूर्ति का चयन किया गया है, उसे ही 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के दिन मंदिर में स्थापित किया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी ‘एक्स’ पर किए गए पोस्ट में मूर्ति के चयन की जानकारी दी. उन्होंने लिखा, “जहां राम हैं, वहां हनुमान हैं… अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मूर्ति का चयन फाइनल हो गया है. हमारे देश के सुप्रसिद्ध मूर्तिकार, हमारे गौरव अरुण योगीराज के द्वारा बनाई गई भगवान राम की मूर्ति अयोध्या में स्थापित की जाएगी. यह राम हनुमान के अटूट रिश्ते का एक और उदाहरण है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि हनुमान की भूमि कर्नाटक से रामलला के लिए यह एक महत्वपूर्ण सेवा है.”
“ಎಲ್ಲಿ ರಾಮನೋ ಅಲ್ಲಿ ಹನುಮನು”
ಅಯೋಧ್ಯೆಯಲ್ಲಿ ಶ್ರೀರಾಮನ ಪ್ರಾಣ ಪ್ರತಿಷ್ಠಾಪನಾ ಕಾರ್ಯಕ್ಕೆ ವಿಗ್ರಹ ಆಯ್ಕೆ ಅಂತಿಮಗೊಂಡಿದೆ. ನಮ್ಮ ನಾಡಿನ ಹೆಸರಾಂತ ಶಿಲ್ಪಿ ನಮ್ಮ ಹೆಮ್ಮೆಯ ಶ್ರೀ @yogiraj_arun ಅವರು ಕೆತ್ತಿರುವ ಶ್ರೀರಾಮನ ವಿಗ್ರಹ ಪುಣ್ಯಭೂಮಿ ಅಯೋಧ್ಯೆಯಲ್ಲಿ ಪ್ರತಿಷ್ಠಾಪನೆಗೊಳ್ಳಲಿದೆ. ರಾಮ ಹನುಮರ ಅವಿನಾಭಾವ ಸಂಬಂಧಕ್ಕೆ ಇದು… pic.twitter.com/VQdxAbQw3Q
— Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) January 1, 2024
मंदिर न्यास के महासचिव चंपत राय ने कहा कि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर की जाएगी. उन्होंने देशभर के लोगों से इस अवसर को उत्सव के रूप में मानने का अनुरोध किया. इस बीच, अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से एक हफ्ता पहले ही आयोजकों ने एक जनवरी से पूजित ‘अक्षत’ (चावल, हल्दी और घी का मिश्रण) का वितरण शुरू कर दिया जो 15 जनवरी तक जारी रहेगा. अक्षत युक्त कागज की पुड़िया, राम मंदिर का चित्र और मंदिर के ढांचे का ब्योरा देने वाले पर्चे लोगों में बांटे गए.
मंदिर न्यास के शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को कहा इसके माध्यम से लगभग पांच लाख मंदिरों के करीब रहने वाले समुदायों को राम मंदिर की तस्वीरें और अन्य विवरण मिलेंगे. उन्होंने कहा कि जब पूरा अनुमान सामने आएगा, तो हम देश के लगभग पांच करोड़ लोगों तक पहुंच चुके होंगे.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ दिन पहले लोगों से अपील की थी कि वे 22 जनवरी को राम मंदिर में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के दिन को ‘दीपावली’ के रूप में मनाने के लिए अपने घरों में विशेष दीये जलाएं. राय ने कहा कि अक्षत देते समय लोगों से अनुरोध किया जाएगा कि वे अपने पड़ोस के मंदिरों में एकत्र होकर इसे एक उत्सव की तरह मनाएं जैसा कि अयोध्या में हो रहा है.
अक्षत वितरण समारोह विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े लोगों और उनके सहयोगियों द्वारा किया जाएगा. सूत्रों ने कहा कि न्यास की भूमिका अनिवार्य रूप से मंदिर का निर्माण करना और एक मार्गदर्शक शक्ति के रूप में काम करना है.
राय ने यहां एक प्राचीन मंदिर में ‘सिया राम’ ‘जय श्रीराम’ के नारे के बीच शुरू हुए समारोह के दौरान संवाददाताओं से कहा, “यह 15 जनवरी तक जारी रहेगा जब मकर संक्रांति मनाई जाएगी. कार्यकर्ता गांवों और कस्बों के घरों में जाकर ‘अक्षत’ बांट रहे हैं.” अयोध्या में अक्षत वितरण की शुरुआत वाल्मीकि कॉलोनी से हुई. आरएसएस के एक पदाधिकारी ने कहा, अब इसे मंदिर शहर के विभिन्न इलाकों में ले जाया जाएगा. प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए एक लाख से अधिक भक्तों के अयोध्या आने की उम्मीद है, जिसमें भारत और विदेश से 7,000 से अधिक मेहमानों के शामिल होने की संभावना है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस समारोह में शामिल होंगे.
दोपहर 12:20 बजे प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इस समारोह के बाद लोगों को पड़ोस की कॉलोनियों में ‘आरती’ करनी चाहिए और प्रसाद वितरित करना चाहिए. राय ने कहा लोगों को पर्दा लगाना चाहिए ताकि वे समूहों में एकत्र हो सकें और टीवी पर प्रसारित होने वाले समारोह को देख सकें. उन्होंने कहा, “सूर्यास्त के बाद लोगों को अपने घरों में ‘दीया’ जलाना चाहिए, जिसका आह्वान प्रधानमंत्री ने भी किया है.”
राय ने इसके पहले कहा था कि परंपरागत नागर शैली में बने राम मंदिर परिसर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फुट होगी और इसकी चौड़ाई 250 फुट और इसकी ऊंचाई 161 फुट होगी. मंदिर का हर मंजिल 20 फुट ऊंचा होगा और इसमें कुल 392 खंभे और 44 फाटक होंगे.
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Tags: Ayodhya, Ram Temple
FIRST PUBLISHED : January 1, 2024, 22:55 IST