Thursday, June 26, 2025
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कोहरे में फ्लाइट्स क्यों नहीं टेक-ऑफ और लैंडिंग कर पाती? क्या कैट थ्री बी लाइटिंग सिस्टम काम नहीं करता, जानें वजह


हाइलाइट्स

फ्लाइट्स पर कोहरे का कहर
जयपुर एयरपोर्ट बना डाइवर्जन का अड्डा

जयपुर. पिछले एक सप्ताह के दौरान 45 से ज्यादा फ्लाइट्स डायवर्ट होकर जयपुर एयरपोर्ट पर पहुंच चुकी हैं. इससे हजारों यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है. उन्हें घंटों फ्लाइट में बैठकर ही इंतजार करना पड़ा. इस डायवर्जन के पीछे सबसे बड़ी वजह इन दिनों देशभर में छा रहे कोहरे को माना जा रहा है. लगातार आधुनिक होती जा रही तकनीक के बावजूद कोहरे में फ्लाइट्स का उड़ान नहीं भर पाना और लैंडिंग नहीं कर पाना यात्रियों को खासा सालता है. एयरपोर्ट प्रबंधन के मुताबिक सब कुछ होते ही भी ऐहतियात के तौर पर ऐसा किया जाता है.

कोहरे के मौसम के चलते आजकल जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर डाइवर्जन का नजारा आम हो चुका है. सतही तौर पर देखा जाए तो रन-वे कोहरे में डूबा रहता है और पायलट को रन-वे साफ तौर पर कुछ भी नजर नहीं आता. लिहाजा ATC लैंडिंग की अनुमति नहीं देती और विमान को दूसरे एयरपोर्ट पर डायवर्ट होना पड़ता है. कोहरे से निजात पाने के लिए दुनियाभर के विकसित देशों के एयरपोर्ट पर तमाम तरह के डिवाइस लगाए जा चुके है. इसी तरह का एक डिवाइस जयपुर एयरपोर्ट के रन-वे पर भी लगाया गया है.

इसका नाम है कैट थ्री बी लाइटिंग सिस्टम. ये लाइटिंग सिस्टम इतना स्ट्रांग होता है कि रन-वे पर कोहरा होने के बावजूद पायलट को रन-वे देखने में मदद करता है. पायलट आसानी से फ्लाइट को टेक-ऑफ या लैंड कर सकता है. लेकिन इस डिवाइस की भी अपनी सीमाएं हैं. आमतौर पर रन-वे की विजिबिलिटी 2 हजार मीटर की होनी चाहिए. ये एक आइडियल विजिबिलिटी है. इस दृश्यता में किसी भी डिवाइस की जरूरत नहीं होती. लेकिन जब विजिबिलिटी 2 हजार मीटर से कम हो तब हर सौ मीटर पर रिस्क बढ़ता जाता है.

इन दिनों में रन-वे की विजिबिलिटी घटकर 150 मीटर रह गई है जो कि बेहद कम है. दूसरा पहलू ये भी है कि पायलट को ऐसे मौसम के लिए खास ट्रेनिंग दी जाती है. आपातकालीन स्थिति में पायलट अपनी दक्षता का इस्तेमाल कर सकता है. लेकिन आदर्श परिस्थितियों में वो रिस्क लेने से गुरेज करता है. वह कम दृश्यता में ATC को सूचना भेज कर फ्लाइट डायवर्ट करवाता है. फ्लाइट में इतना फ्यूल होता है कि वो पास के एयरपोर्ट पर जाकर लैंड कर सके.

बहरहाल तमाम तकनीकी संसाधन अपनी जगह है और मौसम अपनी जगह. मौसम और तकनीक का तालमेल बिठाकर ही इन दिनों उत्तर भारत के एयरपोर्ट से पायलट उड़ान भर रहे हैं. आने वाले कुछ दिनों तक एक एयरपोर्ट से दूसरे एयरपोर्ट पर डायवर्जन जारी रह सकता है. मौसम के ऊपर ही फ्लाइट्स का टेक-ऑफ और लैंडिंग निर्भर करेंगे.

Tags: Foggy weather, Jaipur Airport, Jaipur news, Rajasthan news



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