नई दिल्ली. ज्ञानवापी मस्जिद- काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद में हिंदू पक्ष द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें मस्जिद के ‘वजुखाना’ के पूरे क्षेत्र को साफ करने और स्वच्छता की स्थिति बनाए रखने के लिए वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को निर्देश देने की मांग की गई. ‘वज़ुखाना’ वह जलाशय है, जहां श्रद्धालु नमाज अदा करने से पहले स्नान करते हैं. आवेदन में कहा गया है कि पानी की टंकी में मछलियां 12 से 25 दिसंबर, 2023 के बीच मर गई और उसी के कारण टैंक से दुर्गंध आ रही है. “चूंकि वहां मौजूद शिवलिंगम जो हिंदुओं के लिए पवित्र है और उसे सभी गंदगी, गंदगी, मृत जानवरों आदि से दूर रखा जाना चाहिए और साफ स्थिति में होना चाहिए.
वर्तमान में वह मरी हुई मछलियों के बीच में है जो भक्तों की भावनाओं को आहत करने वाला है. वकील विष्णु शंकर जैन के माध्यम से दायर आवेदन में कहा गया है कि पानी की टंकी में मछलियां मर गई हैं और उसी के कारण टैंक से दुर्गंध आ रही है. आगे यह भी कहा गया है कि ज्ञानवापी परिसर में मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद प्रबंधन समिति मछलियों की उस स्थिति के लिए जिम्मेदार है जिसके कारण वे मर गईं. आवेदन में ‘वजुखाना’ को साफ करने का निर्देश देने की मांग करते हुए कहा गया है, “यदि जिला मजिस्ट्रेट, वाराणसी के अनुरोध के अनुसार मछली को स्थानांतरित कर दिया गया होता तो वर्तमान दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति उत्पन्न नहीं होती.”

ज्ञानवापी मस्जिद- काशी विश्वनाथ मंदिर के वज़ू क्षेत्र पर विवाद
‘शिवलिंग’ की खोज के बाद 2022 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ‘वजुखाना’ क्षेत्र को सील कर दिया गया था. मस्जिद के बगल में स्थित मस्जिद के अदालती आदेशित सर्वेक्षण के दौरान 16 मई, 2022 को मस्जिद परिसर में एक संरचना पाई गई – जिसके बारे में हिंदू पक्ष ने “शिवलिंग” और मुस्लिम पक्ष ने “फव्वारा” होने का दावा किया. ज्ञानवापी मस्जिद का ‘वज़ू’ क्षेत्र इस मामले में हिंदुओं और मुस्लिम पक्षों के बीच ज्ञानवापी मस्जिद-काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद का केंद्र है क्योंकि हिंदू पक्षों का दावा है कि उस स्थान पर ‘शिवलिंग’ पाया गया है, हालांकि, मुस्लिम पक्ष इस पर विवाद करते हुए कहा कि यह तो सिर्फ पानी का फव्वारा है.
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FIRST PUBLISHED : January 2, 2024, 22:45 IST