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आईआईटी आईएसएम धनबाद के लिए नया वर्ष 2024 कई मायनों में खास होगा। नए वर्ष में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर फोकस रहेगा। इसी वर्ष से बीटेक समेत अन्य कोर्स में पहले सेमेस्टर से एनईपी के तहत तैयार कोर्स स्ट्रक्चर को शुरू किया जाएगा। आईआईटी धनबाद ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। धीरे-धीरे विभिन्न सेमेस्टर व कोर्स में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू कर दिया जाएगा। नए वर्ष में आईआईटी आईएसएम की ओर से झारखंड सरकार को रिन्यूएबल एनर्जी सेंटर को शुरू करने का प्रस्ताव दिया जा रहा है। संस्थान को उम्मीद है कि राज्य सरकार के सहयोग से आईआईटी कैंपस में यह सेंटर नए वर्ष में शुरू करने की मंजूरी राज्य सरकार से मिलेगी।
सेंचुरी बिल्डिंग का होगा शिलान्यास, लागत 140 करोड़ 9 दिसंबर 1926 को स्थापित तत्कालीन इंडियन स्कूल ऑफ माइंस यानी कि वर्तमान का आईआईटी आईएसएम का सौ वर्ष 2026 में पूरा हो रहा है। शताब्दी वर्ष के मौके पर सेंचुरी बिल्डिंग का निर्माण होगा। यह बिल्डिंग पेट्रोलियम इंजीनियरिंग बिल्डिंग के बगल में होगा। नए वर्ष 2024 में ही इसके शिलान्यास की तैयारी है ताकि अगले दो वर्षों में इसे पूरी तरह से तैयार कर लिया जाए। पूर्ववर्ती छात्रों की ओर से इसके लिए फंड एकत्रित किया जा रहा है। सौ वर्ष सौ करोड़ का नारा दिया गया है। पीएचडी के लिए 300 से अधिक रिसर्च स्कॉलरों का अब तक नामांकन हो चुका है। आईआईटी आईएसएम इसे बेहतर संकेत मान रहा है। वहीं आईआईटी मेन गेट के सामने बनी बिल्डिंग को अब मल्टी पर्पस बिल्डिंग के नाम से जाना जाएगा। वहां पर इनक्यूबेशन फैसिलिटी समेत अन्य सुविधाएं मिलेंगी।
विभिन्न बैंकों को भी उक्त बिल्डिंग में कमरा दिया गया है।
जनवरी में शुरू होगी शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया
वर्ष 2024 में आईआईटी आईएसएम में शिक्षकों की कमी काफी हद तक पूरी हो सकती है। नए वर्ष के शुरुआत यानी की जनवरी में ही शिक्षकों की नियुक्ति के लिए साक्षात्कार की प्रक्रिया शुरू होगी। कई विभागों में शिक्षकेतरकर्मियों समेत अन्य विभागों के कई ननटीचिंग पदों के लिए कर्मियों व अधिकारियों की नियुक्ति कर ली गई है। कुछ पदों के लिए बची हुई प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है।
वर्ष 2024 में एनईपी को फर्स्ट ईयर से लागू करने जा रहे हैं। कोर्स स्ट्रक्चर में बदलाव होगा। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। नए वर्ष में सेंचुरी बिल्डिंग का भी शिलान्यास की तैयारी है। – प्रो. धीरज कुमार, उपनिदेशक, आईआईटी धनबाद