हाइलाइट्स
सड़कों पर लेन सिस्टम और लेन साइन सिस्टम 1909 और उसके बाद अमेरिका में सबसे पहले बना
लेन ड्राइविंग में भारी वाहनों, हल्के वाहनों और स्पीड के हिसाब से ड्राइविंग के नियम तय हैं
अक्सर जब हम बाएं से दाएं और दाएं से बाएं अचानक लेन बदलते हैं तो हादसे होते हैं
भारत में ट्रक हड़ताल की वजह से सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाएं भी चर्चा में आ गई हैं. भारत न्याय संहिता के तहत खराब ड्राइविंग से हादसों को लेकर तो कानून बन गया है लेकिन राजमार्गों जब आप अपनी कार या वाहन को ड्राइव कर रहे होते हैं तो आपको ये मालूम रहना चाहिए कि लेन ड्राइविंग कितनी जरूरी है और सुरक्षा के लिहाज से भी बेहतर है. दरअसल आप कह सकते हैं कि लेन ड्राइविंग सड़कों पर सुरक्षित और अनुशासित तरीके से जुड़ी हुई चीज है.
लेन ड्राइविंग के अपने नियम जरूर होते हैं हालांकि इसे कानून का जामा नहीं पहनाया गया है. हालांकि अगर आप सड़कों पर चलते समय लेन को ब्रेक करते हैं तो अक्सर हादसों को मौका भी देते हैं, तब ट्रैफिक पुलिस आप पर लापरवाही से ड्राइविंग का मामला जरूर बना सकती है.
मोटे तौर पर लेन का अर्थ सड़क के हिस्से हैं. आमतौर पर एक भारतीय राजमार्ग दो लेन से लेकर 04 से 06 लेन के होते हैं. हालांकि देश के कुछ एक्सप्रेस हाईवे 08 लेन के भी हैं. अमेरिका के ह्यूस्टन में एक हाईवे 26 लेन का है और इसे दुनिया में सबसे ज्यादा लेन वाली सड़क कहा जाता है. दुनिया में बड़े हाईवे 15 लेन वाले हैं.
सवाल – क्या होती है लेन की चौड़ाई और नंबर्स?
– इंडियन रोड कांग्रेस (आईआरसी) के अनुसार सिंगल लेन सड़क की न्यूनतम चौड़ाई 3.75 मीटर है:जबकि दो-लेन सड़क की चौड़ाई 7 मीटर है और ऊंचे किनारों के साथ यह 7.5 मीटर है. 06 लेन वाले एक्सप्रेसवे की चौड़ाई 22.5 मीटर होनी चाहिए. राष्ट्रीय राजमार्ग के गलियारे की न्यूनतम चौड़ाई 5.7 मीटर है.
एक लेन वाली सड़क दो-तरफा यात्रा की अनुमति देती है, लेकिन इतनी चौड़ी नहीं होती कि वाहन एक-दूसरे से गुजर सकें. दोहरी लेन सड़कों में प्रत्येक दिशा में दो लेन का यातायात होता है. बहु-लेन सड़कों में तीन या अधिक लेन हो सकती हैं।
सवाल – भारत लेन ड्राइविंग में किन नियमों का पालन किया जाना चाहिए?
– भारत में बायां लेन यानि सबसे किनारा वाला लेन धीमी गति से चलने वाले वाहनों और भारी वाहनों के लिए है. मध्य लेन मध्यम गति वाले वाहनों के लिए है और बाएं लेन में धीमी गति वाले वाहनों को ओवरटेक करने के लिए है. दाहिनी लेन तेज़ वाहनों और ओवरटेकिंग के लिए है. हमेशा मुड़ते समय वाहन सबसे बाईं लेन में होना चाहिए।
सवाल – ओवरटेक का नियम क्या कहता है?
– व्यस्त ट्रैफिक में लेन बदलकर दूसरी कार को ओवरटेक करने से बचें. लेन बदलते समय दाईं ओर से ही सिग्नल दें. ओवरटेक करें.
सवाल – अगर आप 4-वे हाईवे लेन पर वाहन चला रहे हैं तो नियम क्या है?
– अगर आप 04-वे (दोनों ओर 02 लेन) लेन पर हैं तो बाईं ओर रहना चाहिए. सामने वाले वाहनों से आगे निकलने के लिए दाईं लेन का इस्तेमाल करना चाहिए. अगर आप 06 लेन वाले राजमार्ग पर यात्रा कर रहे हैं, तो ड्राइविंग शैली बदल जाएगी (दोनों तरफ तीन लेन). बायां हिस्सा आमतौर पर ट्रकों और दोपहिया वाहनों जैसे धीमे वाहनों के लिए आरक्षित है. यदि आप कार चलाते हैं, तो मध्य लेन पर रहना सबसे अच्छा है. ओवरटेक के लिए दाहिनी लेन का इस्तेमाल करें. अपनी पोजिशन बदलने के लिए इंडीकेटर का इस्तेमाल जरूर करें. तेज गति की कारों जरूर आगे जाने दें.
सवाल – किस तरह गलत लेन बदलने से हादसे होते हैं?
– 06 लेन वाली सड़कों पर अधिकांश घटनाएं अनुचित लेन परिवर्तन या गलत लेन (यानी, सबसे दाहिनी लेन) में चलने वाली सुस्त कारों के चलते होती हैं. साथ ही लेन पर अचानक बाएं से दाएं और दाएं से बाएं टेढ़ा-मेढ़ा नहीं चलना चाहिए. भारत जैसे देश में हॉर्न बजाकर कार को ओवरटेक करना आम बात हो गई है.
सवाल – अगर नेशनल हाई-वे पर चलते समय आपकी कार खराब हो जाए तो क्या करें?
– अगर राजमार्ग पर चलते समय कार खराब हो जाए तो खतरे की चेतावनी देने वाली लाइट जला लें. वाहन को सुरक्षित रूप से सर्विस लेन (राजमार्ग का सबसे बायां भाग) में ले आएं.
सवाल – विदेशों में सबसे दाहिनी लेन किसके लिए रखी जाती है?
– विदेशों में सबसे दाहिनी लेन एम्बुलेंस या फायर ट्रक जैसी आपातकालीन सेवाओं के लिए समर्पित है.
सवाल – कैसे हुई लेन ड्राइविंग नियमों की शुरुआत?
– 20वीं सदी के पहले दो दशकों में ऑटोमोबाइल, ट्रक और बसें जब खूब उपयोग में लाई जाने लगीं तो उनमें आमने-सामने की टक्कर आम हो गई.
1906 में सड़कों को सुरक्षित बनाने के प्रयास में वेन काउंटी, मिशिगन में पहले सड़क आयोग का गठन किया गया. हेनरी फोर्ड इस बोर्ड में थे. तब तक कंक्रीट की सड़कें नहीं होती थीं. 1909 में आयोग ने पहली कंक्रीट सड़क के निर्माण का आदेश दिया. 1911 में राजमार्गों के लिए लेन सड़कों की कल्पना की गई. इसीलिए सड़क आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष एडवर्ड एन. हाइन्स को लेन सड़कों और इसके चिह्नों का आविष्कारक कहा जाता है. 1917 के आसपास सड़कों पर सफेद पेंट लेन को बांटने और चिन्हिंत करने का काम शुरू हुआ.
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FIRST PUBLISHED : January 4, 2024, 13:20 IST