कोटा. राजस्थान की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में खेला गया. इसका नमूना कोटा का चंबल रिवर फ्रंट करीब 1500 करोड़ की लागत से तैयार किया गया था. साथ में सरकारी पैसे से खुद के पुतले तैयार करवा दिए गए. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और तत्कालीन यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल समेत कई बुत तैयार करवाए गए. अब भजनलाल सरकार ने जांच का ऐलान किया है. माना जा रहा है कि यह जांच अशोक गहलोत तक जा सकती है.
कोटा की लाइफ लाइन चंबल नदी को माना जाता है. इस लाइफ लाइन पर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय करीब 1500 करोड़ की लागत से चंबल रिवर फ्रंट बनाया गया. 1500 करोड़ का यह प्रोजेक्ट आज देश में अपनी अलग छाप छोड़ रहा है, लोगों के आकर्षण का भी केंद्र है. यहां की खूबसूरती लोगों को अपनी ओर खींच भी रही है लेकिन इसके साथ-साथ जो खेल यहां हुए, वो भी अब एक-एककर धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं.
दरअसल, चंबल रिवर फ्रंट पर जब काम चल रहा था, तब यहां नगर विकास न्यास के अफसर ने चापलूसी की सारी सीमाएं ही तोड़ दीं और तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, तत्कालीन नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल नगर विकास न्यास के विशेष अधिकारी आरडी मीना और शहर के विकास कार्यों के अर्किटेकट अनूप भरतरिया की प्रतिमाएं बनवा डालीं. हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के बाद अगर दोबारा से कांग्रेस सत्तासीन हो जाती तो यह मूर्तियां रिवर फ्रंट पर शोभायमान कर दी जातीं.
अब भजनलाल सरकार ने जांच का फैसला किया और धन के दुरुपयोग पर पिछली कांग्रेस सरकार पर सवाल उठाए हैं. उधर, कांग्रेस ने सफाई दी कि पहली बार मूर्तियां नहीं लगी हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ये दुर्भावना है.
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FIRST PUBLISHED : January 19, 2024, 21:03 IST