Thursday, June 26, 2025
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After eating raw chicken for 25 days man did not fall ill You will be stunned to know the reason – International news in Hindi


अमेरिकी राज्य फ्लोरिडा के जॉन (उपनाम गोपनीय) एक इन्फ्लुएंसर हैं जो कम से कम 25 दिन तक कच्चा चिकन (मुर्गे का मांस) खाने के कारण कुख्यात हो चुके हैं। वह कच्चे चिकन को पीसने के लिए एक ब्लेंडर का उपयोग करते हैं। लेकिन इस चिकन ‘स्मूदी’ को पीने से पहले वह इसे स्वादिष्ट बनाने के लिए इसमें कई तरह के मसाले, कच्चा अंडा और सलाद में इस्तेमाल होने वाले खास तरह के पत्ते भी मिलाते हैं।

कच्चे चिकन और अंडे में ‘साल्मोनेला’ और ‘कैम्पिलोबैक्टर’ जैसे हानिकारक बैक्टीरिया से संक्रमण का बड़ा खतरा रहता है, जो गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। इससे फूड प्वायजनिंग यानी खाद्य विषाक्तता हो सकती है, बावजूद इसके जॉन को कुछ नहीं हुआ।

खाद्य विषाक्तता के लक्षणों में बुखार, मतली, उल्टी, दस्त और रक्त संक्रमण शामिल हैं, जो स्वस्थ लोगों की भी मौत या उनके अस्पताल में भर्ती होने का कारण बन सकते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि जॉन गैर पारंपरिक और संभवत: काफी घातक भोजन करके खाद्य विषाक्तता के कारण बीमार क्यों नहीं पड़े? जॉन का कहना है कि उन्होंने कच्चा चिकन खाने के मद्देनजर सुरक्षा पहलुओं के बारे में चिकित्सकों से संपर्क किया। तो क्या चिकित्सकों ने उन्हें संक्रमण से बचने के लिए रोगनिरोधी एंटीबायोटिक दवाओं को लेने की सलाह दी थी? और अगर एंटीबायोटिक लेने की सलाह नहीं भी दी गई हो, तो भी जॉन के पास क्या अन्य मनुष्यों की तरह खाद्य विषाक्तता के खिलाफ जन्मजात प्रतिरक्षा तंत्र है।

पेट में डेढ़ से दो पीएच मान वाले अत्यधिक अम्लीय तरल पदार्थ होते हैं। खाद्य विषाक्तता वाले रोगाणु अम्ल के प्रति संवेदनशील होते हैं, जो उनके डीएनए को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए पेट का अम्ल उन्हें मार भी सकता है। पेट में रोगाणुओं को अन्य बाधाओं जैसे पाचन एंजाइमों, फंसाने वाले म्यूकस और प्रतिरोधक प्रतिरक्षा प्रणाली से भी जूझना पड़ता है।

पेट लगभग चार घंटे के बाद खाली हो जाता है इसलिए पिसे हुए कच्चे चिकन को साफ करने के लिए पेट के अम्ल के पास पर्याप्त समय होता है, जिससे चिकन के रोगाणु संक्रमित करने में कम सक्षम होते हैं। आप हमेशा जन्मजात सुरक्षा तंत्र पर भरोसा नहीं कर सकते हैं, क्योकि स्वस्थ वयस्कों में भी यदि बैक्टीरिया की संख्या अधिक है, तो पेट में मौजूद अम्ल और प्रतिरक्षा तंत्र उनकी संख्या को सुरक्षित स्तर तक कम करने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकते।

खाद्य विषाक्तता के खिलाफ हमारा जन्मजात सुरक्षा तंत्र छोटे बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थिति या कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में कम प्रभावी ढंग से काम कर सकता है।

जॉन असामान्य रूप से अपने चिकन को पीसकर मिश्रण बनाते हैं, जिससे पेट में मौजूद अम्ल को हमले के लिए एक विस्तृत सतह क्षेत्र मिलता है। इसके अलावा चिकन और खाद्य मसालों का स्रोत उसे संक्रमण से बचाने में मदद कर सकता है। जॉन का कहना है कि वह अपना चिकन एक विशेष फार्म से प्राप्त करते थे, इसलिए यह मान लेना शायद सुरक्षित है कि चिकन बहुत ताजा और उस झुंड के मुर्गे का है जिसमें बड़े वाणिज्यिक स्रोत के मुर्गों की तुलना में साल्मोनेला और कैम्पिलोबैक्टर पाए जाने की संभावना कम हो सकती है।

ताजगी महत्वपूर्ण है, क्योंकि मांस जितना अधिक समय पहले का होता है उसमें हानिकारक कीटाणुओं की संख्या बढ़ती है। यदि जॉन जो चिकन खा रहा है वह बहुत ताजा है और वह इसका अधिक मात्रा में सेवन नहीं कर रहा है, तो संक्रमण के लिए जरूरी मात्रा के लिहाज से रोगाणुओं की संख्या बहुत कम हो सकती है।

हालांकि, चिकन का स्रोत चाहे जो हो, कच्चे मांस की सुरक्षा की गारंटी देना संभव नहीं है और जो मांस देखने और गंध के आधार पर ताजा लगता है वह अभी भी खतरनाक रूप से रोगाणु युक्त हो सकता है।

मसाला

जॉन ने अपने प्रशंसकों को बताया कि वह कच्चे चिकन के स्वाद की कमी को सुधारने के लिए सोया सॉस और जड़ी-बूटियों जैसे मसालों का उपयोग करता है। यह ज्ञात है कि सोया सॉस मनुष्यों में पेट में अम्ल स्राव को बढ़ाकर पाचन को बढ़ावा देता है, जो भोजन में किसी भी कीटाणु को मारने में मदद करेगा। सोया सॉस में शिगेला फ्लेक्सनेरी, स्टैफिलोकोकस ऑरियस, विब्रियो कॉलेरा, साल्मोनेला एंटरिटिडिस और एस्चेरिचिया कोली जैसे बैक्टीरिया के खिलाफ सीधे तौर पर रोगाणुरोधी गतिविधि में शामिल होता है।

मिर्च की चटनी भोजन को विषाक्त बनाने वाले जीवाणुओं को भी रोकती है। कई जड़ी-बूटियों में रोगाणुरोधी यौगिक होते हैं जिनका इस्तेमाल सदियों से खाद्य पदार्थ को सुरक्षित रखने में किया जाता है।

चिकन को कैसे खाएं!

हम नहीं जानते कि कच्चा चिकन खाते समय जॉन अपने स्वास्थ्य की रक्षा के लिए क्या कर रहा है, लेकिन यह स्पष्ट है कि वह खाद्य विषाक्तता से पीड़ित होने का जोखिम उठा रहा है। आप कच्चे चिकन या वास्तव में किसी भी कच्चे मांस से बैक्टीरिया को नहीं हटा सकते। मांस को खाने के लिहाज से सुरक्षित बनाने का एकमात्र तरीका उसे पकाना है। उच्च तापमान प्रभावी ढंग से हानिकारक कीटाणुओं को मार देता है और ‘साल्मोनेला’ और ‘कैम्पिलोबैक्टर’ जैसे बैक्टीरिया 75° डिग्री सेल्सियस से ऊपर के तापमान पर बेअसर हो जाते हैं।



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