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अमेरिका भले ही इजरायल को सलाह दे रहा है कि वह ईरान की ओर से उस पर किए हवाई हमलों का जवाब न दे। लेकिन ईरान की ओर से किए हवाई हमलों को रोकने में उसने सक्रिय भूमिका अदा की थी। अमेरिका ने खुद इसकी जानकारी दी है। अमेरिका का कहना है कि उसने इजराइल पर ईरान द्वारा छोड़े गए 80 से अधिक ड्रोन और कम से कम छह बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराया। पेंटागन ने रविवार को यह बताया। अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने बताया कि इसमें एक बैलिस्टिक मिसाइल और यमन के हूती नियंत्रित इलाकों में नष्ट किए गए सात मानवरहित यान या ड्रोन शामिल हैं, जिन्हें छोड़ने से पहले ही नष्ट कर दिया गया।
ईरान ने इजराइल पर 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइलें दागीं, जिसे तेहरान ने सीरिया में ईरान के दूतावास पर एक अप्रैल को किए उसके हमले की प्रतिक्रिया बताया है। ईरान के लगभग सभी ड्रोन और मिसाइलों को इजराइली, अमेरिकी और सहयोगी सेनाओं ने लक्ष्य तक पहुंचने से पहले हवा में ही मार गिराया। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि शनिवार और रविवार सुबह अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने 80 ड्रोन और कम से कम छह बैलिस्टिक मिसाइलें मार गिराईं, जो ईरान तथा यमन की ओर से इजराइल की ओर छोड़ी गई थीं।
इसमें कहा गया है, ‘ईरान का निरंतर अभूतपूर्व, दुर्भावनापूर्ण और लापरवाह बर्ताव क्षेत्रीय स्थिरता और अमेरिका एवं उसके गठबंधन बलों की सुरक्षा को खतरे में डालता है। अमेरिकी सेंट्रल कमांड ईरान के इन खतरनाक कृत्यों के खिलाफ इजराइल की रक्षा में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने सभी क्षेत्रीय साझेदारों के साथ मिलकर काम करते रहेंगे।’
जी-7 भी आया इजरायल के साथ, बोला- अनियंत्रित हो जाएंगे हालात
जी-7 देशों के नेताओं ने इजराइल के खिलाफ ईरान के सीधे और अप्रत्याशित हमलों की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए रविवार को कहा कि इस घटनाक्रम के कारण क्षेत्र में अनियंत्रित तनाव बढ़ने का खतरा है। इजराइल ने इस हमले को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून का ‘स्पष्ट उल्लंघन’ बताया और ईरान पर क्षेत्रीय अस्थिरता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। वहीं, ईरान ने कहा कि उसने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के तहत आत्मरक्षा के अधिकार का प्रयोग करते हुए यह अभियान शुरू किया।