Thursday, June 26, 2025
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Arvind Kejriwal News: अरव‍िंद केजरीवाल को अरेस्‍ट करना इतना आसान नहीं! ED के सामने क्या है सबसे बड़ा पेच


शराब नीति पर पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बुलाया था, हालांकि सीएम केजरीवाल बुधवार 3 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश नहीं होंगे. सीएम ने इस मामले में ईडी को अपना जवाब भेजा है. धनशोधन निवारण अधिनियम यानी पीएमएलए कानून की धारा-19 प्रवर्तन न‍िदेशालय (ED) को यह अधिकार देती है कि लगातार तीन बार समन के बाद भी अगर कोई आरोपित पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं होता है, तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता है, लेकिन अपराध में संलिप्ता के पुख्ता आधार होने चाहिए.

इस तरह के मामलों में अधिकार के साथ ED की सीमाएं भी होती है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में फैसले के दौरान यह साफ कर दिया था कि महज इस आधार पर ED किसी की गिरफ्तारी नहीं कर सकती कि उस व्यक्ति को समन भेजा था, लेकिन उसने जांच में सहयोग नहीं किया. लगातार नोटिस की अवहेलना की स्थिति में ED अदालत में जाकर वारंट की भी मांग कर सकती है. इस आधार पर कि उसे पूछताछ की जरूरत है और नोटिस पर पेश नहीं हो रहे हैं.

हालांकि इसे दिल्ली CM के मामले से सीधा नहीं जोड़ा जा सकता है, क्योंकि दिल्ली CM आरोपी नहीं हैं. ना ही जांच एजेंसी ने अभी यह साफ किया है कि वो किस हैसियत से उन्हें बुला रही है, बतौर गवाह, बतौर आरोपी, बतौर संदिग्ध?

वरिष्ठ अधिवक्ता और दिल्ली बार काउंसिल के चेयरमैन के के मनन ने बताया अरव‍िंद केजरीवाल मामले में क्‍या-क्‍या हो सकता है

  • सवाल- अरविंद केजरीवाल ने 3 बार ईडी के बुलाने पर भी नहीं गए हैं?

    उत्‍तर-सम्मन का अनुपालन न करने पर PMLA के सेक्शन -63 और IPC की सेक्शन 174 में कंप्लेन डाल सकती है और ED कोर्ट से गैर जमानती वारंट ले सकती है और कोर्ट को लगता है कि तीन समन के बाद भी जांच में शामिल नहीं हो रहे हैं और सहयोग नहीं कर रहे हैं तो कोर्ट वारंट जारी कर सकती है. यह निर्भर करेगा कि कोर्ट कितना सहमत होता है क्योंकि वह भी एक मुख्यमंत्री हैं हालांकि उन्हें जांच में शामिल होना चाहिए था.

    उन्‍होंने बताया क‍ि आपके सामने सबसे बड़ा उदाहरण झारखंड का है. जांच एजेंसी का अधिकार होता है कि व्यक्ति की जांच में शामिल नहीं हो रहा है और सहयोग नहीं कर रहा है तो कानून की नजर में उचित नहीं है. ऐसे में अगर कोई शख्‍स जांच में शामिल नहीं हो रहा है तो इससे साफ है कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा है.

  • सवाल- क्या सुप्रीम कोर्ट से अरविंद केजरीवाल को राहत मिल सकती है?

    उत्‍तर- हर इंसान को अधिकार है कि वह कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है, चाहे सुप्रीम कोर्ट या दिल्ली हाईकोर्ट. उन्हें राहत मिलती है या नहीं यह दूसरा बात है. लेकिन कानून का पहलू साफ है कि जांच में सुप्रीम कोर्ट भी दखल नहीं दे सकता हालांकि मॉनिटर कर सकता है.

  • सवाल- लेकिन चार्जशीट में अरविंद केजरीवाल का नाम नहीं है?

    उत्‍तर- चार्जशीट में नाम होना जरूरी नहीं है. संजय सिंह का भी नहीं था. अगर सबूत मिले तो इनके खि‍लाफ एक अलग चार्जशीट या सप्लीमेंट्री चार्जशीट फाइल की जा सकती है.

  • सवाल- अब ED का अगला कदम क्या होता देख रहे हैं?

    उत्‍तर- मुझे लगता है कि यह ED या तो गैर जमानती वारंट जारी करेगी या फिर एक समान और जारी कर सकती है.

  • सवाल- ED उनके घर भी जा सकती है?

    उत्‍तर-ED उनके घर भी जा सकती है सर्च वारंट लेकर वो कहीं भी जा सकते हैं. कोर्ट से सर्च वारंट लेना होगा और देखते हैं कि वो लेंगे या नहीं.

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    FIRST PUBLISHED : January 3, 2024, 16:32 IST



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