बदलापुर में स्कूल की दो मासूम छात्राओं से यौन शोषण के आरोपी अक्षय शिंदे की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई. खुद को बचाते समय अक्षय शिंदे को पुलिस की गोली लग गई, जिससे मौके पर उसने दम तोड़ दिया. तलोजा जेल से मुंब्रा बाईपास रोड तक 37 मिनट में 18 किलोमीटर सफर आरोपी अक्षय के लिए आखिरी था. बदलापुर एनकाउंटर को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. सवाल यह कि आखिर इस 37 मिनट के सफर में क्या हुआ, जो पुलिस को अक्षय को गोली मारनी पड़ी.
अक्षय के माता-पिता के मुताबिक, सोमवार दोपहर 3:30 बजे उनकी और अक्षय की मुलाकात हुई थी. उनके पिता ने बताया कि अक्षय उस वक्त हताश था. पुलिस पूछ रही थी कि अक्षय शिंदे को क्यों नहीं ला रहा है, अगर उन्होंने अक्षय को देखा तो पुलिस उसे मार डालेगी. उसे यहां लाने के लिए पुलिस की जरूरत पड़ती है. वहीं अक्षय की मां ने कहा कि उस वक्त पुलिस ने अक्षय के हाथ में कुछ कागज दिए थे. माता-पिता से मिलने के बाद पुलिस उसे अंदर ले गई. इसके बाद करीब छह बजे अक्षय की अंतिम यात्रा शुरू हुई.
पुलिस ने उसे रिमांड पर लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी. उन्हें तलोजा जेल से एक कार में बिठाया गया. उस वक्त कार में 2 अधिकारी और 2 एनफोर्सर सवार थे. लेकिन 18 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद मुंब्रा बायपास के पास से गुजरते वक्त आरोपी अक्षय शिंदे ने एपीआई नीलेश मोरे की सर्विस रिवॉल्वर खींच ली और 3 गोलियां दाग दीं.
आरोपी शिंदे और नीलेश मोरे की गाड़ी की पिछली सीट पर बैठे हुए थे और आगे पुलिस का एक ड्राइवर और बगल वाली सीट पर एक और पुलिस अधिकारी बैठा हुआ था. शिंदे की चलाई एक गोली नीलेश मोरे के पैर में लगी और दो गोलियां मिस हो गईं. इस हमले में मोरे बुरी तरह घायल हो गए. फिर पुलिस को जवाबी फायरिंग करनी पड़ी.
पुलिस वाहन में पहले से ही जगह कम और फायरिंग के बाद अचानक अफरातफरी जैसा माहौल बन गया. ऐसे में पुलिस ने गोली चलाई तो वह सीधे अक्षय शिंदे के चेहरे पर लगी. ये सब पुलिस की गाड़ी में हुआ. घटना के बाद नीलेश मोरे और अक्षय शिंदे दोनों को कलवा शिवाजी अस्पताल में भर्ती कराया गया और कंट्रोल रूम में सूचना दी गई. अस्पताल पहुंचने डॉक्टरों ने शिंदे को मृत घोषित कर दिया, जबकि मोरे का इलाज चल रहा है.
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FIRST PUBLISHED : September 24, 2024, 08:42 IST