केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 2024 के ऐन चुनावों से पहले भारत रत्न सम्मान का ऐलान किया है. सरकार ने यह ऐलान एक-एक करके अभी तक तीन बार किया है. सबसे पहले कर्पूरी ठाकुर को देश का सर्वोच्च सम्मान देने की घोषणा की गई थी. कर्पूरी ठाकुर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और बड़े नेताओं में से एक रहे हैं. इसके बाद सरकार ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देन की घोषणा की थी. लालकृष्ण आडवाणी राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक रहे हैं. शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन और नामों का ऐलान किया है. इसमें पूर्व प्रधानमंत्रियों पी वी नरसिम्हा राव और चौधरी चरण सिंह के साथ-साथ कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा.
मोदी ने एक्स पर कहा कि नरसिम्हा राव ने महत्वपूर्ण परिवर्तनों के माध्यम से भारत को आगे बढ़ाया और इसकी सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत को भी समृद्ध किया. मोदी ने कहा, राव के दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत को आर्थिक रूप से उन्नत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इसकी समृद्धि, विकास के लिए एक ठोस नींव रखी. प्रधानमंत्री ने कहा कि चरण सिंह को भारत रत्न देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान के लिए समर्पित है. पीएम मोदी ने कहा कि स्वामीनाथन ने कृषि और किसानों के कल्याण में देश के लिए उल्लेखनीय योगदान दिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने भारत को कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इसे आधुनिक बनाने में उत्कृष्ट प्रयास किए.

चौधरी चरण सिंह
आखिर कैसे भारत रत्न अवॉर्ड की घोषणा 2024 में बनेगा बीजेपी का मास्टरस्ट्रोक
चौधरी चरण सिंह उत्तर प्रदेश की धरती के पुत्र हैं और उन्होंने किसानों के न्याय अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत विधायक बनकर की. इसके बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, देश के गृह मंत्री बनकर और प्रधानमंत्री बनकर देश के लिए काम किया. आपातकाल के दौरान वह खुलकर सरकार के खिलाफ खड़े हुए और आपातकाल का विरोध किया. पुरस्कार की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि उन्होंने आपातकाल के दौरान लोकतंत्र को जीवित रखने का काम किया. 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन का टारगेट 400 से ज्यादा सीटे जीतने का है. इसको लेकर पार्टी बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश में हर गठबंधन कर रही है. बीजेपी ने 2024 से पहले राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के साथ गठबंधन करने को तैयार है. जयंत चौधरी के साथ इसको लेकर मीटिंग भी हुई है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी रालोद को यूपी में 4 लोकसभा सीट के साथ मंत्री पद देने वादा किया गया. वहीं जयंत चौधरी से बातचीत के बीच केन्द्र सरकार उनके दादा यानी पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का ऐलान किया है. इससे बीजेपी को जाटलैंड यानी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी गठबंधन को फायदा होने की उम्मीद है.
आपको बता दें कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में रालोद ने 11 सीटों पर चुनाव लड़ने वाले राष्ट्रीय लोकदल का खाता भी नहीं खुला था. बीजेपी ने 19 सीटें जीती थीं, जबकि समाजवादी पार्टी और बसपा ने 4-4 सीटों पर कब्जा किया था. अगर बीजेपी रालोद के साथ जाती है तो निश्चित ही बीजेपी को जाटलैंड में फायदा होगा. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 27 लोकसभा सीटें हैं अगर बीजेपी और रालोद में गठबंधन होता है तो जाट वोट एनडीए को मिलेगा और इससे समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी की मुश्किलें बढ़ेंगी. चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने से जाट समाज काफी खुश है और ऐसी में लोकसभा चुनाव में भी इसका फायदा बीजेपी को होगा. इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश में चौधरी चरण सिंह की पहचान एक किसान नेता के रूप में भी है. भारत रत्न सम्मान मिलने के बाद किसानों का रुख भी बीजेपी की तरफ हो सकता है.

पूर्व प्रधानमंत्रियों पी वी नरसिम्हा राव
नरसिंहराव को भारत रत्न देना कैसे मास्टर स्ट्रोक
पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंहराव को भारत रत्न देकर बीजेपी सरकार ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं. एक तो नरसिंहराव का आधुनिक भारतीय अर्थव्यवस्था की नींव रखने वाला माना जाता है. उन्होंने ही आर्थिक उदारणीकरण को प्रभावी तरीके से लागू कराया था. उनके दौर में ही भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया के लिए खुली थी. हालांकि कांग्रेस की फर्स्ट फैमिली से उनकी कुछ ऐसी अनबन हुई कि नरसिंहराव की मृत्यु के बाद उनके शव को कांग्रेस मुख्यालय में नहीं घुसने दिया गया था. राव को देश में एक विद्वान प्रधानमंत्री के तौर पर देखा और माना जाता है. साथ ही वे दक्षिण से आने वाले एक ताकतवर ब्राह्मण नेता के तौर पर स्थापित रहे हैं. उन्होंने पीएम बनने के बाद रिकॉर्ड उप चुनाव में जीत हासिल की थी. ऐसे में दक्षिण में अपनी ताकत बढ़ा रही बीजेपी को इस फैसले से फायदा ही होगा. साथ ही राव को विद्वान मानने वाले सवर्ण जाति के मतदाताओं में भी इसका अच्छा संदेश जाएगा. साथ ही कांग्रेस की कथित परिवारवादी नीति के विरोध में लिए गए एक ताकतवर फैसले के तौर पर भी इसे माना जाएगा. नरसिंहराव को भारत रत्न देने से बीजेपी को लोकसभा चुनाव में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में फायदा मिलने की उम्मीद है.
वरिष्ठ पत्रकार रशीद किदवई के बीजेपी के इस फैसले से उसे कोई बहुत राजनीतिक लाभ होता नहीं दिख रहा है. उनके मुताबिक श्वेत पत्र निकाल कर बीजेपी कांग्रेस की नीतियों को नीचा दिखाना चाहती है. जबकि कांग्रेस की वर्तमान अर्थनीति की शुरुआत करने वाले पीवी नरसिंहराव को भारत रत्न दे रही है. ये विरोधाभास जैसा है. अब रही बात दक्षिण में उनके राजनीतक फायदा उठाने का तो उनका कितना आधार अपना रहा है, इसे इस बात से समझा जा सकता है कि उनके प्रधानमंत्री रहते हुए आंध्र में हुए चुनाव में कांग्रेस की बुरी पराजय हुई थी. ऐसे में कांग्रेस को कितना लाभ होगा इसे समझा जा सकता है.
कृषि क्षेत्र में विकास लाने में योगदान दिया
डॉ. एमएस स्वामीनाथ ने देश के कृषि क्षेत्र में अमूल्य योगदान देकर किसानों के कल्याण के लिए काम किया. उन्होंने चुनौतीपूर्ण समय में भारत को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने ही प्रौद्योगिकी और आधुनिकीकरण के माध्यम से भारत के कृषि क्षेत्र में महान विकास लाने में योगदान दिया है. डॉ स्वामीनाथन के दूरदर्शी नेतृत्व ने न केवल भारतीय कृषि को बदल दिया बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा और समृद्धि सुनिश्चित करने में भी मदद की. डॉ इस कार्य के लिए स्वामीनाथन को भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. इस बीच किसानों से हमेशा डॉ स्वामीनाथ आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग की गई.
7 अगस्त 1925 को तमिलनाडु के कुंभकोणम में जन्मे डॉ. स्वामीनाथन की कृषि यात्रा 1943 के विनाशकारी बंगाल अकाल को देखने के बाद शुरू हुई. भारत की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करने के उनके निर्णय ने उन्हें 1960 के दशक की हरित क्रांति में एक प्रमुख व्यक्ति बनने के लिए प्रेरित किया, जिसने भारत को भोजन की कमी वाले देश से दुनिया के अग्रणी कृषि उत्पादकों में से एक में बदल दिया. नोबेल पुरस्कार विजेता नॉर्मन बोरलॉग के साथ उनके सहयोग ने गेहूं और चावल की उच्च उपज वाली किस्मों को पेश किया, जिससे लाखों लोगों को भुखमरी से बचाया गया. भारतीय कृषि पर डॉ. स्वामीनाथन का परिवर्तनकारी प्रभाव तब उभरना शुरू हुआ जब उन्होंने अधिक उपज देने वाली फसल किस्मों की शुरुआत का समर्थन किया. उनका दूरदर्शी दृष्टिकोण उस समय भारत में हरित क्रांति को आगे बढ़ाने में सहायक था जब देश अभी भी गरीबी और सामाजिक सुरक्षा की कमी से जूझ रहा था.
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Tags: Bharat ratna, Loksabha Elections
FIRST PUBLISHED : February 9, 2024, 15:20 IST