Thursday, June 19, 2025
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Big News amid israel vs iran war benjamin netanyahu focussing on abraham alliance – International news in Hindi


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Israel vs Iran: इजरायल और ईरान के बीच जंग तेज होती जा रही है। हमास प्रमुख के मारे जाने के बाद माहौल काफी ज्यादा गर्म हो चुका है। जहां ईरान ने बदला लेने की धमकी दी है, वहीं इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने खुली चेतावनी दे डाली है कि हमला हुआ तो वह भी चुप नहीं बैठेंगे। इस बीच गुटबाजी का दौर भी तेज हो चुका है। असल में मिडिल ईस्ट में अपना प्रभाव बढ़ाने और हनक दिखाने के लिए ईरान ने एक ‘टेरर नेटवर्क’ इजरायली प्रधानमंत्री का जोर ‘अब्राहम अलायंस’ पर है, जिसके बारे में उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस में पिछले महीने दिए भाषण में भी बात की थी। अब सवाल उठता है कि आखिर यह ‘अब्राहम अलायंस’ है क्या और यह किसके खिलाफ तैयार किया जा रहा है।

असल में अब्राहम अलायंस, अब्राहम संधि का ही विस्तार है जो सितंबर 2020 में हुई थी। अब्राहम संधि का मकसद इजरायल और कुछ अन्य अरब देशों, जिनमें यूएई, बहरीन, मोरक्को और सूडान शामिल हैं, के बीच रिश्तों को बेहतर करना था। नेतन्याहू का इरादा इसी संधि के आधार पर अब्राहम अलायंस बनाना है। नेतन्याहू चाहते हैं कि इजरायल के वर्तमान और भविष्य के डिप्लोमैटिक पार्टनर्स ईरान के आतंक के खिलाफ एकजुट हो जाएं। इतना ही नहीं, अमेरिकी कांग्रेस में नेतन्याहू ने इस बात पर भी जोर दिया था कि इजरायल को अमेरिकी सेना की मदद क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा के लिए जरूरी थी। 

बता दें कि फिलिस्तीन सैन्य गुट हमास के नेता इस्माइल हनियेह की तेहरान में हत्या के बाद हालात काफी ज्यादा खराब हो चुके हैं। इसको देखते हुए अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में सैन्य तैनाती की बात कही है। इसमें एयरक्राफ्ट कैरियर से लेकर बैलिस्टिक मिसाइल, जहाजें और नए फाइटर स्क्वॉड्रन शामिल होंगे। उधर ईरान से हमले के खतरे के बीच इजरायल अमेरिका और ब्रिटेन दोनों के साथ नजदीकी बढ़ाने में जुटा है। इजरायली रक्षा मंत्री ने अपने अमेरिकी और ब्रिटिश समकक्षों से इसको लेकर बात की है।

ईरान ने कैसे बढ़ाया प्रभाव

गौरतलब है कि 1979 में इस्लामी क्रांति के बाद से ही ईरान लगातार मिडिल ईस्ट में अपना प्रभाव बढ़ाने में जुटा हुआ है। इसके लिए उसने प्रॉक्सी ग्रुप्स का एक नेटवर्क तैयार किया है। इसमें लेबनान में हिजबुल्ला, यमन में हूती, इराक में कई छोटे-बड़े मिलिशियाज के साथ-साथ सीरिया और गाजा में तमाम आतंकी गुट हैं। इन गुटों के दम पर ईरान पूरे क्षेत्र में अपना प्रभाव और पकड़ दिखाना चाहता है। अब इजरायल के राष्ट्रपति चाहते हैं कि ईरान के इस नेटवर्क को ध्वस्त किया जाए। इसके लिए वह अन्य अरब देशों के साथ अमेरिका और ब्रिटेन को भी अपने साथ लाने की कवायद में जुटे हैं।



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