बिहार के किसानों के लिए अच्छी खबर है. राज्य सरकार ने खेती से जुड़ी आय बढ़ाने और फलों की पैदावार को कीटों से सुरक्षित रखने के लिए एक खास योजना को मंजूरी दी है. वित्त वर्ष 2025-26 में “कीट प्रबंधन योजना” के तहत फलों के पेड़ों पर छिड़काव कराने के लिए सरकार अब किसानों को सब्सिडी देगी. इस योजना का मकसद है– किसानों की कमाई बढ़ाना और फसल को कीड़ों से बचाकर उत्पादन को बेहतर बनाना.
किन फसलों को मिलेगा फायदा?
इस योजना में आम, लीची, अमरूद, केला और पपीता जैसे प्रमुख फलों को शामिल किया गया है. इन फलों पर लगने वाले कीड़ों और रोगों से निपटने के लिए अनुशंसित कीटनाशकों का छिड़काव कराया जाएगा, जो पूरी तरह से सरकार द्वारा अधिकृत सेवा प्रदाताओं के माध्यम से किया जाएगा.
कितनी मिलेगी सब्सिडी?
इस योजना के तहत छिड़काव पर किसानों को 50% से लेकर 75% तक की सब्सिडी दी जाएगी, जिससे उनकी जेब पर बोझ कम होगा और फसलों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी. जानिए अलग-अलग फलों पर कितनी सब्सिडी मिलेगी.
अमरूद- पहले छिड़काव पर 33 और दूसरे पर 45 प्रति पेड़ की दर से 75% सब्सिडी मिलेगी. अधिकतम 56 पेड़ों तक लाभ मिलेगा.
केला और पपीता- पहले छिड़काव पर 50% या 2,150 प्रति एकड़ और दूसरे पर 50% या 2,000 प्रति एकड़ की सब्सिडी दी जाएगी.
आम- पहले छिड़काव पर 57 प्रति पेड़ और दूसरे छिड़काव पर 72 प्रति पेड़ की दर से 75% सब्सिडी. एक किसान अधिकतम 112 पेड़ों पर लाभ ले सकेगा.
लीची- पहले छिड़काव पर 162 प्रति पेड़ और दूसरे पर 114 प्रति पेड़ की दर से सब्सिडी. यहां एक किसान 84 पेड़ों तक लाभ ले सकता है.
कैसे करें आवेदन?
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को DBT कृषि पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. आवेदन की प्रक्रिया पारदर्शी रखी गई है और छिड़काव कार्य पूरी तरह से तय मानकों के अनुसार ही किया जाएगा.
क्यों है ये योजना खास?
बिहार में फल उत्पादन करने वाले किसान अकसर कीटों और रोगों के कारण भारी नुकसान झेलते हैं. सरकार की इस पहल से जहां उनकी लागत कम होगी, वहीं उपज की गुणवत्ता और मात्रा भी बेहतर होगी. खास बात यह है कि किसान बिना किसी निजी खर्च के केवल नाममात्र की राशि देकर छिड़काव करा सकेंगे.