बिहार सरकार ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह किसानों की आय बढ़ाने और खेती को आधुनिक बनाने को लेकर गंभीर है. वित्त वर्ष 2025-26 में सरकार ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत एक बड़ी पहल करते हुए मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 4 करोड़ रुपये की योजना को हरी झंडी दे दी है. यह योजना न सिर्फ किसानों के लिए आमदनी का नया जरिया बनेगी, बल्कि राज्य में संगठित और तकनीकी खेती को भी बढ़ावा देगी.
क्या है योजना का मकसद?
इस योजना का उद्देश्य बिहार के किसानों को मशरूम उत्पादन में प्रशिक्षण, तकनीक और आर्थिक मदद देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है. इसके तहत निजी क्षेत्र में मशरूम से जुड़ी विभिन्न यूनिट्स जैसे वातानुकूलित मशरूम उत्पादन यूनिट, कम्पोस्ट यूनिट और स्पॉन यूनिट की स्थापना को प्रोत्साहित किया जाएगा.
कितनी मिलेगी सब्सिडी?
वातानुकूलित मशरूम उत्पादन यूनिट और कम्पोस्ट यूनिट की लागत 30 लाख रुपये तय की गई है, जिस पर सरकार 40% यानी 12 लाख रुपये तक की सब्सिडी देगी. स्पॉन यूनिट के लिए 20 लाख रुपये लागत पर 8 लाख रुपये तक अनुदान मिलेगा. छोटे स्तर के किसानों को भी ध्यान में रखते हुए 2 लाख रुपये की यूनिट कॉस्ट पर 50% यानी 1 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाएगी.
कौन कर सकता है आवेदन?
इस योजना का लाभ केवल बिहार के किसानों को मिलेगा. जो किसान मशरूम यूनिट लगाना चाहते हैं, वे एकीकृत बागवानी मिशन के तहत आवेदन कर सकते हैं.
कहां और कैसे करें आवेदन?
पात्र किसान http://horticulture.bihar.gov.in/ या DBT पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. आवेदन प्रक्रिया “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर होगी, जिससे पात्र और इच्छुक किसानों को जल्दी लाभ मिल सके.
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- भूमि की नवीनतम रसीद
- किसान पंजीकरण की रसीद
क्यों है यह योजना खास?
बिहार में अब तक मशरूम उत्पादन बिखरा हुआ और पारंपरिक तरीकों से होता रहा है, जिससे किसानों को सीमित लाभ मिलता था. अब सरकार की यह योजना इसे व्यवस्थित और व्यवसायिक स्तर पर लाकर किसानों को अच्छी आमदनी का अवसर देगी. साथ ही यह युवाओं और महिलाओं के लिए भी नए स्वरोजगार का रास्ता खोल सकती है.