Sunday, February 23, 2025
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Chemical free natural farming Know what is it PM Modi mentioned in his speech ICAE


पीएम मोदी ने आज कृषि अर्थशास्त्रियों के 32वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (ICAE) का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जहां उसकी जरूरत से ज्यादा खाद्यान्न उपलब्ध हैं. साथ ही हम वैश्विक खाद्य सुरक्षा के उपायों पर काम कर रहे हैं. हम रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहा है. बजट पर पीएम ने कहा कि आम बजट 2024-25 टिकाऊ खेती पर केंद्रित है.

सम्मेलन में पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत ने बीते 10 सालों में जलवायु परिवर्तन के प्रति कम संवेदनशील फसलों की 1,900 नयी प्रजातियां प्रदान कीं. पीएम ने बताया कि हम पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल मिलाने का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.

क्या होती है ये खेती?

रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती एक ऐसी खेती की विधि है जिसमें रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग बिल्कुल नहीं किया जाता है. इसके बजाय, प्राकृतिक तरीकों से मिट्टी की उर्वरता बढ़ाई जाती है और फसलों को कीटों से बचाया जाता है. इसमें मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए सूक्ष्म जीवों को बढ़ावा दिया जाता है. खेत में विभिन्न प्रकार की फसलें, पशु और कीटों को एक साथ रखकर जैव विविधता को बढ़ावा देना चाहिए. पानी का सही इस्तेमाल करके और मिट्टी में नमी को बनाए रखकर पानी का संरक्षण करना चाहिए. रासायनिक पदार्थों के बिना उगाई गई फसलें स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है.

क्या हैं फायदे?

प्राकृतिक खेती के कई लाभ हैं. रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से मिट्टी की बनावट बिगड़ जाती है. इससे स्वस्थ फसलें उगती हैं जो स्वादिष्ट और पौष्टिक होती हैं. इससे पर्यावरण की रक्षा होती है और किसानों की आय बढ़ाती है.

क्या है तरीका?

जीवामृत, बीजामृत, कम्पोस्ट, हरित खाद ये सभी प्राकृतिक खेती के तरीके हैं. ये तरीके मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में मदद करते हैं. जीवामृत और बीजामृत गाय के गोबर, गोमूत्र और अन्य प्राकृतिक पदार्थों से बने घोल हैं जो मिट्टी और बीजों को उपचारित करने के लिए उपयोग किए जाते हैं. कम्पोस्ट पौधों और जानवरों के अपशिष्ट से बना एक उर्वरक है. हरित खाद फसलों को उगाकर और फिर मिट्टी में दबाकर मिट्टी में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाने का एक तरीका है.

यह भी पढ़ें- कृषि मंत्री का बड़ा एलान! किसानों को सस्ती कीमतों पर मिलता रहेगा उर्वरक, जल्द ही मिलेंगे उन्नत किस्म के बीज



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