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इजरायल पर ईरान ने शनिवार और रविवार को करीब 300 मिसाइलें और ड्रोन दागकर हमला किया। इस हमले के लिए अमेरिका, ब्रिटेन समेत दुनिया भर कई देशों ने ईरान की आलोचना की है तो वहीं इजरायल से अब शांति की अपील की है। वहीं चीन ने अलग ही रुख अपनाते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इजरायल का विरोध किया है। चीन ने कहा कि इस जंग की शुरुआत इजरायल की तरफ से हुई थी। चीन ने कहा, ‘इजरायल ने पिछले दिनों सीरिया में ईरान के कौंसुलेट पर अटैक किया था, जो बेहद क्रूर हरकत थी।’
संयुक्त राष्ट्र संघ में चीन के राजदूत डाय बिंग ने कहा कि इजरायल की ओर से सीरिया में ईरान के कौंसुलेट पर हुए हमले ने इस जंग को उकसाया। यह बेहद घटिया और क्रूर हरकत थी। ईरान का कहना था कि इस हमले में उसके 7 लोग मारे गए थे। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस हमले में ईरानी सेना के एक टॉप जनरल समेत 12 लोगों की मौत हो गई थी। इसके लिए ईरान ने इजरायल को जिम्मेदार ठहराया था, लेकिन बेंजामिन नेतन्याहू सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया था।
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अब इस मामले में चीन भी ईरान के ही पक्ष में जाता दिख रहा है। उसने कहा कि ईरान पर इजरायल का अटैक क्रूर हरकत थी। अब यह जंग रुकनी चाहिए और उसने दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की। इसके अलावा चीन ने अपील की है कि गाजा में भी तुरंत सीजफायर किया जाए ताकि पीड़ितों को मानवीय सहायता हासिल हो सके। यही नहीं इजरायल के लिए एक चिंता की बात यह है कि अमेरिका ने भी युद्ध की स्थिति में सक्रिय तौर पर उसकी तरफ से उतरने से इनकार कर दिया है।
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हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने संसद से अपील की है कि इजरायल की सहायता के लिए 14 अरब डॉलर का फंड मंजूर किया जाए। संसद के स्पीकर माइक जॉनसन ने कहा कि हम समझते हैं कि इजरायल के साथ एक डील की जरूरत है। हमें इसी सप्ताह इजरायल के लिए किसी पैकेज को लेकर फैसला लेना होगा।