Saturday, June 28, 2025
Google search engine
HomeएजुकेशनDelhi University school will now be up to 12th class it was...

Delhi University school will now be up to 12th class it was established in 1947 year दिल्ली यूनिवर्सिटी का स्कूल अब 12वीं कक्षा तक होगा, 1947 में हुई थी स्थापना, करियर न्यूज़


देश की आजादी के वर्ष बना दिल्ली विश्वविद्यालय का स्कूल अब इंटरमीडिएट तक होगा। स्कूल प्रबंधन इसके लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को आवेदन करने जा रहा है। 1947 में बना यह स्कूल डीयू में पढ़ाने वाले और यहां कार्य करने वाले कर्मचारियों के छात्रों के लिए बना था लेकिन धीरे धीरे इसमें आस पास के बच्चे भी दाखिला लेने लगे। 2002 तक तक तो यह स्कूल दिल्ली सरकार के अंतर्गत चलता था लेकिन 2003 में इस स्कूल का विस्तार हुआ और इसे सीबीएसई बोर्ड से मान्यता देकर 10वीं तक किया गया। अब इस स्कूल को इसी बोर्ड से 12वीं तक करने की तैयारी है।

इस स्कूल के प्रबंधक डा.प्रभांशु ओझा का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस स्कूल को विकसित करने और यहां 12वीं तक कक्षाओं का संचालन कराने के लिए प्रतिबद्ध है। यही कारण है कि इसके लिए धन की व्यवस्था करके यहां स्कूल परिसर की इमारत का निर्माण कराया जा रहा है। अगले सत्र ये यहां 11वीं की कक्षाएं शुरू होने की संभावना है। इस विद्यालय का अपना एक गौरवशाली इतिहास है। हम सब के साझा प्रयास से इस स्कूल में गुणवत्तापरक शिक्षा के साथ छात्रों के समग्र विकास का ध्यान दिया जा रहा है। डीयू का यह स्कूल बिना डीयू कुलपति के प्रयासों से आगे नहीं बढ़ पाता। उन्होंने न केवल इसके लिए आर्थिक अनुदान दिया बल्कि एक संरक्षक की भूमिका में हमेशा खड़े हैं।

स्कूल की प्रिंसिपल डा.गरिमा भारती का कहना है मॉरिस नगर स्थित इस स्कूल का नाम दिल्ली यूनिवर्सिटी सोशल सेंटर स्कूल है। यहां जल्द ही निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। हम लोग सीबीएसई से 12वीं तक मान्यता के लिए आवेदन करने जा रहे हैं। इस स्कूल से पढ़े कई लोग आज देश विदेश में नौकरी, व्यवसाय से जुड़े हैं।

स्कूल के रिकार्ड में नहीं है इसके संस्थापक का नाम

दिल्ली यूनिवर्सिटी सोशल स्कूल की शुरुआत सन् 1947 में सेंट स्टीफन महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो. डेविड राजाराम की धर्मपत्नी एवं मोरिस नगर क्षेत्र की अन्य महिलाओं द्वारा की गई। उस समय के डीयू के कुलपति सर मोरिस ग्वेयर थे। हालांकि स्कूल के रिकार्ड में प्रो.डेविड राजाराम की पत्नी का नाम कहीं नहीं है। स्कूल की प्रिंसिपल डा.गरिमा भारती का कहना है कि हम लोगों ने बहुत कोशिश की लेकिन प्रो.डेविड की पत्नी का नाम नहीं मिल पाया।

स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट बताती है कि यह वही समय था जब एक ओर सम्पूर्ण विश्व में भारत की स्वतंत्रता के बिगुल बज रहे थे और दूसरी ओर दिल्ली के मोरिस नगर क्षेत्र में, इस क्षेत्र की महिलाओं द्वारा शिक्षा की एक नई लहर, नई उमंग और नई दिशा का बीजारोपण किया जा रहा था। आरंभिक दिनों में (सन 1947) मोरिस नगर क्षेत्र की महिलाओं ने सेवा परमो धर्मः की भावना को चरितार्थ करते हुए चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के बच्चों को दिल्ली विश्वविद्यालय के कला संकाल में स्थित बैरक (सैनिक निवास) में पढ़ाना आरम्भ किया। 1964 में पांचवी तक विद्यालय दिल्ली नगर निगम द्वारा पंजीकृत किया गया और 1967 में विद्यालय आठवीं तक उन्नत हुआ। 1970 में विद्यालय को शिक्षा निदेशालय द्वारा माध्यमिक विद्यालय के रूप में मान्यता प्राप्त हुई और इसके साथ ही 95 फीसदी सहायता अनुदान भी प्राप्त हुआ। तत्कालीन कुलपति डॉ. स्वरूप सिंह थे। सन 1989 में विद्यालय को वर्तमान बिल्डिंग अनुदान में प्राप्त हुई। वर्ष 2003 में विद्यालय द्वारा संचालित नौंवी और दसवीं कक्षाओं को शिक्षा निदेशालय द्वारा (बिना सहायता अनुदान के मान्यता प्राप्त हुई और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा सहबंद्धता भी प्राप्त हुई। इस स्कूल में वर्तमान में 500 छात्र हैं। लेकिन इसकी संख्या बढ़ाकर 3000 करने की योजना है।



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments