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पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को एक बार फिर से दोहराया है कि वह भारत के साथ व्यापार को लेकर रास्ते तलाश रहा है। कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के नए विदेश मंत्री इसहाक डार ने लंदन में एक बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान भारत के साथ व्यापार संबंधों को बहाल करने पर गंभीरता से विचार करेगा। दोनों देशों के बीच व्यापार अगस्त, 2019 से निलंबित हैं। भारत ने अगस्त, 2019 में जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निलंबित कर दिया और इसे केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था। इसके बाद पाकिस्तान ने एकतरफा व्यापार बंद कर दिया था।
अब अपने मंत्री के बयान पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान दिया है। इस्लामाबाद में साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच से भारत के साथ कारोबारी संबंध बहाली की संभावनाओं की खबरों संबंधी प्रश्न किया गया था। इसके जवाब में बलूच ने पुष्टि करते हुए कहा कि सरकार भारत के साथ व्यापार फिर से शुरू करने के प्रस्ताव की समीक्षा कर रही है।
प्रवक्ता ने कहा: “विदेश मंत्रालय सहित खुद पाकिस्तान की सरकार ऐसे प्रस्तावों की नियमित समीक्षा करती रहती है। इस दौरान हम ऐसे सभी अनुरोधों पर विचार करते हैं और अपनी नीति का आकलन करते हैं।” हालांकि प्रवक्ता ने इस बात पर जोर दिया कि इस मुद्दे पर अब तक पाकिस्तान के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है।
नई सरकार बनने के बाद अचानक अपने पड़ोसी देश के साथ व्यापार बहाल करने की पाकिस्तानी मंशा को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं। पाक विदेश मंत्री डार ने 23 मार्च को लंदन में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान भारत के साथ व्यापार गतिविधियों को बहाल करने के लिए पाकिस्तान के व्यापारिक समुदाय की इच्छा के बारे में बताया था।
गौरतलब है कि पाकिस्तान अपनी अधिकांश जरूरतों के लिए चीन पर निर्भर है। चीन ने पाकिस्तान में भारी निवेश किया है। लेकिन चीन के तमाम दबाव के बाद पाकिस्तान में उसके नागरिकों पर हमले नहीं रुक रहे हैं। खैबर पख्तूनख्वा के बिशम इलाके में मंगलवार को विस्फोटक लदा एक वाहन एक बस से टकराया था जिससे उसमें सवार दासू जलविद्युत परियोजना में काम करने वाले पांच चीनी नागरिकों सहित छह व्यक्तियों की मौत हो गई।
चीनी नागरिकों के मारे जाने के दो दिन बाद चीन की एक कंपनी ने इसी अशांत प्रांत में एक अन्य जलविद्युत परियोजना में निर्माण कार्य रोक दिया और सैकड़ों श्रमिकों को काम से हटा दिया है। ‘डॉन’ अखबार ने सरकारी सूत्रों के हवाले से अपनी खबर में कहा कि चीनी कंपनी ‘पावर कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन ऑफ चीन’ (पीसीसीसी) ने शांगला जिले में आत्मघाती हमले में चीनी नागरिकों की मौत के बाद प्रांत के स्वाबी जिले में तारबेला जलविद्युत विस्तार परियोजना में निर्माण संबंधी कार्यों को निलंबित कर दिया है। यहां 2,000 से अधिक श्रमिकों को काम से हटा दिया है।
जानकारों का मानना है कि अगर पाकिस्तान इन हमलों को नहीं रोक पाया तो चीन अपना निवेश कम कर देगा। या पाकिस्तान पर नाकेबंदी बढ़ा सकता है। यही वजह है कि हमले के तुरंत बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सहित उनकी पूरी कैबिनेट चीनी दूतावास में जाकर हाजिरी लगाकर आई। पाकिस्तान अब चीन से इतर व्यापार के रास्ते तलाश रहा है ताकि पहले के कंगाल पड़ी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जाए।