Wednesday, June 18, 2025
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Drishti IAS Vikas Divyakirti advice upsc coaching institutes will angry expel me from community orn coaching centre accident – मेरी सलाह के बाद कई इंस्टीट्यूट मुझसे नाराज हो जाएंगे, बिरादरी से बाहर कर देंगे, विकास दिव्यकीर्ति ने ऐसा क्या दिया सुझाव, Education News


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दृष्टि आईएएस कोचिंग के संस्थापक और शिक्षक विकास दिव्यकीर्ति ने दिल्ली के राजेंद्र नगर में हुए हादसे को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। भविष्य में इस तरह के हादसे ना हो, इस पर दृष्टि आईएएस कोचिंग सेंटर ( Drishti IAS ) के एमडी विकास दिव्यकीर्ति ने सलाह देते हुए कहा कि जब भी कोई स्टूडेंट दिल्ली कोचिंग के लिए आए तो वह केवल यह न देखे कि इंस्टीट्यूट कितना अच्छा है, वहां के टीचर कितने अच्छे हैं, बल्कि यह भी देखे कि वहां सुरक्षा के इंतजाम कैसे हैं। स्टूडेंट को वहां खुद जाकर देखना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘जब भी कोई भी विद्यार्थी किसी क्लासरूम में जाए तो वह चेक कर लें कि अगर कोई दिक्कत हुई तो वहां से निकलने की कितनी और क्या संभावना है। कम से कम क्लासरूम में दो एग्जिट (बाहर निकलने के दरवाजे) जरूर होने चाहिए। मैं जानता हूं कि मेरे यह कहने के बाद बहुत से इंस्टीट्यूट मुझसे नाराज हो जाएंगे। शायद वो मुझे बिरादरी से बाहर कर देंगे। लेकिन मैं साफ कहना चाहता हूं कि जिस क्लास व बिल्डिंग में बाहर निकलने के दो रास्ते ना हो, वहां क्लास नहीं करना चाहिए।’ 

राजेंद्र नगर स्थित एक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में शनिवार शाम को पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई थी। बेसमेंट में कोचिंग संस्थान की तरफ से लाइब्रेरी का संचालन किया जा रहा था। इस हादसे के बाद प्रशासन सख्त हो गया है और लगातार नियमों की धज्जियां उड़ाकर कोचिंग संस्थानों में चल रहे बेसमेंट एरिया को सील किया जा रहा है। करोल बाग स्थित दृष्टि IAS संस्थान का बेसमेंट भी सील किया गया है। इस पर डॉक्टर विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि वह प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई से सहमत हैं।

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समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं इस हादसे की गलती किसी एक की नहीं मानता। उन्होंने कहा, ‘मैं इससे बचता हूं कि सारी गलती किसी एक पर थोप दें, जैसा कि सोशल मीडिया मुझ पर थोप रहा है। मेरे ख्याल से अलग अलग कानून, अलग अलग एजेंसियों में कॉर्डिनेशन की कमी है। नीयत हालांकि सभी की ठीक है। इस मुद्दे पर हुई बैठक में एक सुझाव यह आया कि एक ऐसी कमिटी बननी चाहिए, जिसे एलजी साहब ने भी माना। कमिटी में हम अपना पक्ष रख देंगे, फिर जो आप आदेश देंगे उसका पालन होगा। बनाए गए नियमों को अगर कोई न माने, तो उसे आप बंद कर दीजिए। भ्रष्टाचार तो निश्चित रूप से है ही।’ 

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उन्होंने कहा, ‘एलजी साहब ने कहा है कि वहां जो सीवर लाइंस थीं, वो अवैध निर्माण से ढक गई थीं। यह भी तो एक समस्या है। यह अवैध निर्माण भी ऐसे नहीं होते हैं, इसमें भी कहीं ना कहीं कोई शामिल होगा। मेरा मानना है कि बेसमेंट का लेवल थोड़ा ऊंचा होता तो बेहतर होता। लेकिन मुझे पता लगा कि जो नए नियम हैं उसके मुताबिक स्टिल्ट पार्किंग बनाना जरूरी है, उसमें शायद 8 सेमी का नियम है, अब नियम है या जनरली ऐसा होता है, ये मुझे नहीं पता, शायद इस वजह से दिल्ली में बेसमेंट ज्यादा ऊंची नहीं बनती दिल्ली में, एक वजह यह भी है। इन सबके साथ कोचिंग संस्थानों की बड़ी जिम्मेदारी बनती है। हमारी भी है। संयोग की बात है कि हादसा कहीं और हुआ लेकिन इमोश्नल सेंस में समझना चाहिए कि हादसा कहीं भी हो सकता था। इसे सुधारना सभी संस्थानों की जिम्मेदारी है। मैं अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार और तत्पर हूं। मैं साफ कर देना चाहता हूं कि दिल्ली में जो चीजें अलाउड नहीं हैं, वो हम नहीं करेंगे।’



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