Thursday, June 26, 2025
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E Khasra App Launched In Up Know How It Is Beneficial For Farmers


एग्रीकल्चर फील्ड में तकनीकी प्रयोग बीते कुछ दिनों में काफी बड़ा है. इसी क्रम में अब उत्तर प्रदेश में ई-खसरा एप की शुरुआत की गई है. एप की शुरुआत पर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही का कहना है कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री किसानों के हितों का ध्यान रख रहे हैं. साथ ही किसानों के लिए विभिन्न योजनाओं भी चलाई जा रही हैं. आइए जानते हैं क्या है ये ई-खसरा एप और किस प्रकार किसानों को इस एप के जरिए मदद मिलेगी.

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि कृषि क्षेत्र में तकनीक का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है. इसके तहत सभी फसलों का डिजिटल सर्वे कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एग्रीस्टैक योजना के तहत ई-खसरा पड़ताल भारत सरकार की एक परिवर्तनकारी परियोजना है. इसका उद्देश्य भारत के कृषि पारिस्थितिकी तंत्र का डिजिटल प्रारूप तैयार करना है.

कृषि मंत्री ने बताया कि खरीफ 2023 में प्रदेश के कुल गाटा संख्या 7.87 करोड़ के 20 प्रतिशत गाटा को शामिल करने के लिए पायलट योजना के रूप में 21 जिलों में पूरी तरह से और 54 जिलों में 10 ग्राम पचांयतों में डिजिटल क्राप सर्वे का कार्य शुरू किया गया. योजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा बनाई गई मोबाइल एप के माध्यम से प्रदेश के 21 जनपदों (भदोही, संत कबीर नगर, औरैया, महोबा, हमीरपुर, सुल्तानपुर, वाराणसी, जौनपुर, प्रतापगढ़, मिर्जापुर, मुरादाबाद, जालौन, चित्रकूट, फर्रुखाबाद, अयोध्या, चंदौली, झांसी, बस्ती, हरदोई, देवरिया और गोरखपुर) में शत- खरीफ 2023 में 1,15,89,645 गाटों का सर्वेक्षण हुआ.

75 जिलों में होगा सर्वे

रबी 2023-24 में प्रदेश के सभी जनपदों में शत प्रतिशत फसल सर्वेक्षण का कार्य ई-खसरा पड़ताल के माध्यम से किया जाना सुनिश्चित किया गया है. इस प्रक्रिया को मोबाइल एप के माध्यम से किया गया है. प्रदेश के 75 जनपदों में 110221 राजस्व ग्राम हैं, जिनमें 7 करोड़ 87 लाख 73 हजार 211 गाटे हैं, जिनमें से 95270 का जिओ रेफरेंस नक्शा है. इनमें 6 करोड़ 69 लाख 37 हजार 766 जिओ रेफरेंस गाटा शामिल हैं, जिनमें ई-खसरा पड़ताल की आवश्यकता है. सर्वे राज्य के सभी 75 जनपदों में होगा और 15 फरवरी तक पूरा होगा. राजस्व विभाग के सभी लेखपालों और कृषि विभाग के तकनीकी सहायकों, बीटीएम, एटीएम और पंचायत सहायकों को इस काम में सर्वेयर के रूप में काम करना होगा.

यह भी पढ़ें- रबी फसलों को पाले से ऐसे बचाएं किसान भाई, जानें क्या करना होगा



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