सरकार ने फर्जी लोन और सट्टेबाजी वाले ऐप्स को लेकर सख्त है। इसके लिए सरकार ने बेटिंग यानी सट्टेबाजी वाले ऐप्स के साथ-साथ लोन देने वाले ऐप्स के ऐड पर रोक लगाने की शुरुआत कर दी है। यही नहीं, सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से एक नया KYC (नो योर कस्टमर) सिस्टम तैयार करने के लिए भी कहा है। यह नया सिस्टम नो योर डिजिटल फाइनेंस ऐप के नाम से जाना जाएगा। सरकार ने मंगलवार को इस तरह के ऐप्स को हटाने के निर्देश जारी किया है।
विज्ञापन पर लगेगी रोक
केन्द्रीय आईटी (IT) मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि सरकार इस तरह के ऐप्स के विज्ञापनों पर रोक लगाने की तैयारी में है। ऐसे कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हैं, जिन पर इस तरह के लोन और सट्टेबाजी ऐप्स के विज्ञापन आते रहते हैं। यूजर्स इनके झांसे में आ जाते हैं और अपनी मोटी कमाई का नुकसान करवा लेते हैं।
सरकार ने पिछले कुछ साल में सैकड़ों फर्जी लोन और बेटिंग ऐप्स को बैन किए हैं। कोरोना महामारी के बाद से इस तरह के फर्जी लोन और बेटिंग ऐप्स के जरिए साइबर क्राइम के कई मामले सामने आए हैं। इन ऐप्स के जरिए लोन देकर लोगों को कर्ज के दलदल में फंसाया जाता है। ऐसे कई मामले भी सामने आए हैं, जिनमें पीड़ित व्यक्ति ने आत्महत्या की है।
ऐसे फंसते हैं लोग
फर्जी लोन ऐप्स के जरिए पहले जरूरतमंद लोगों को बिना किसी डॉक्यूमेंट्स के लोन ऑफर किया जाता है। जरूरतमंद लोग इन ऐप्स पर अपने अकाउंट डिटेल शेयर करके लोन ले लेते हैं। लोन लेने के महज कुछ दिन के बाद असली खेल शुरू होता है। लोन देने वाले ऐप्स के एजेंट लोगों को रिकवरी के नाम पर परेशान करते हैं। उनपर जल्द से जल्द लोन वापस करने का दबाब बनाते हैं।
लोगों के स्मार्टफोन का एक्सेस होने पर उनके निजी फोटो और वीडियो को मार्फ करके वायरल करने की धमकी देते हैं। यही नहीं, लोन लेने वालों के दोस्तों, परिवार के लोगों को भी कॉल करके परेशान किया जाता है। पिछले कुछ साल में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसके बाद सरकार ने कई फर्जी लोन और सट्टेबाजी ऐप्स को बैन भी किया है।
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