Thursday, June 26, 2025
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Foreigners are also adopting Panchakarma medical system – News18 हिंदी


हिना आज़मी/ देहरादून. आज आधुनिक युग मे कई तरह के ट्रीटमेंट लोग लेते हैं लेकिन पंचकर्म विधियां पुरानी होने के साथ- साथ बहुत फायदेमंद भी होती हैं. ऋषि मुनियों के जमाने की यह विधि भारत ही नहीं विदेशों में रहने वाले एनआरआई और विदेशियों को भा रही है. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में स्थित आरोग्य मेडिसिटी के संस्थापक और आयुर्वेदाचार्य महेंद्र राणा बताते हैं कि उनके सेंटर में साल में 100 से 150 विदेशी और एनआरआई पंचकर्म ट्रीटमेंट लेने के लिए आते हैं. पंचकर्म आयुर्वेद की बहुत पुरानी चिकित्‍सा विधियों में से एक है. पंचकर्म को आयुर्वेद की विशेष चिकित्‍सा भी माना जाता है. आयुर्वेद की इस विधि से शरीर में होने वाले कई तरह के रोगों का इलाज किया जाता है. पंचकर्म विधि में पांच विधियां होती हैं, जिनके द्वारा शरीर में उत्पन्न होने वाले टॉक्सिन को बाहर निकाला जाता है. यह आयुर्वेद की एक नेचुरल प्रक्रिया है, जिसमें शरीर में प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले टॉक्सिंस को बाहर निकाला जाता है.

पंचकर्म की पांच क्रिया

महेंद्र राणा बताते हैं कि पंचकर्म में पांच क्रियाएं होती है, पहली विधि वमन कर्म होती है, जिसमें काढ़ा पिलाकर या औषधीय पिलाकर मरीज को उल्टी करवाई जाती है. दूसरी विधि विरेचन कर्म है, जिसमें रोगी को औषधियां देकर दस्त करवाए जाते हैं. दो तरह की एनिमा प्रक्रिया होती है, जिसे हम बस्ति कर्म कहते हैं. इस विधि में बस्ति अनुवासन और बस्ति आस्थापन कर्म से मरीजों का इलाज किया जाता है. वहीं एक पद्धति नस्य कर्म से नाक के द्वारा मरीजों में आयुर्वेदिक दवाओं का प्रवेश कराया जाता है. ब्लड प्रेशर और हृदय रोग से जुड़े मरीजों को पंचकर्म नहीं करवाया जा सकता है. उनका कहना है कि जिस तरह आयुर्वेदिक और एलोपैथिक दवाइयां द्वारा इलाज करवाया जाता है, इस तरह वह भाप या तेल के माध्यम से बाहरी तौर पर इस्तेमाल करके स्किन और हेयर का ट्रीटमेंट करते हैं, जिसके अच्छे परिणाम मिलते हैं.

विदेशी भी अपना रहे पंचकर्म चिकित्सा पद्धति

आयुर्वेदाचार्य महेंद्र राणा बताते हैं कि पंचकर्म के मेडिसिनल फायदे को देखते हुए वैश्विक तौर पर उसे अपनाया जा रहा है. उत्तराखंड के ऋषिकेश और हरिद्वार ऐसे स्थान हैं, जहां हर साल सैकड़ों की संख्या में एनआरआई और विदेशी पंचकर्म विधि द्वारा इलाज करवाने के लिए आते हैं. हमारे क्लीनिक में हर साल 100 से 150 ऐसे लोग विदेश से यहां इस ट्रीटमेंट के लिए आते हैं. हमारा परामर्श शुल्क 300 रुपये है और बीमारी और उसके इलाज के मुताबिक कम से कम दरों पर इलाज किया जाता है. क्लीनिक का पता है-
आरोग्य मेडिसिटी इंडिया (देहरादून शाखा), मकान नंबर 48/6, अरिहंत टावर के सामने, डॉ अंतरिक्ष सैनी वाली गली, जिला सूचना कार्यालय के पास, हरिद्वार कोर्ट रोड, देहरादून. ज्यादा जानकारी के लिए आप इस मोबाइल नंबर 9690955161 पर सम्पर्क कर सकते हैं.

Tags: Health benefit, Hindi news, Local18



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