गुलशन कश्यप/जमुई: सरकारी संपत्ति आपकी अपनी संपत्ति होती है. आपने यह लाइन कई जगहों पर लिखी देखी होगी. अक्सर ट्रेनों में या अन्य किसी भी सरकारी जगह पर आपने यह पढ़ा होगा कि सरकार की संपत्ति आपकी अपनी संपत्ति है, इसकी सुरक्षा का ध्यान भी आपको खुद ही रखना चाहिए. दरअसल, यह लाइन इसलिए लिखी जाती है ताकि लोग सरकार की संपत्ति को अपनी संपत्ति समझकर उसका रखरखाव सही तरीके से कर सके. लेकिन सोचिए अगर इस लाइन को कोई सीरियसली ले ले तो क्या हो..?? दरअसल, जमुई से एक ऐसा ही मामला सामने आया है. जहां एक व्यक्ति ने ‘सरकारी संपत्ति आपकी अपनी संपत्ति है’ लाइन को इतना सीरियसली ले लिया कि सरकार की संपत्ति को अपनी संपत्ति बनाकर उस पर कब्जा जमा लिया.
दरअसल, यह मामला जमुई जिला के बरहट प्रखंड क्षेत्र का है, जहां एक परिवार ने आंगनबाड़ी केंद्र पर कब्जा जमा कर गृह प्रवेश कर लिया. आंगनबाड़ी सेविका बच्चों को लेकर केंद्र पर पहुंचती तो है, लेकिन वह अपने बच्चों को केंद्र में पढ़ा नहीं पाती है. बरहट प्रखंड क्षेत्र के पाड़ों पंचायत के वार्ड संख्या-9 में काफी जद्दोजहद के बाद आंगनबाड़ी केंद्र संख्या-21 में की शुरुआत की गई थी. केंद्र संचालित हुए मात्र 6 महीने भी नहीं गुजरे थे कि दबंगों ने इस पर कब्जा जमा लिया. जिस सामुदायिक भवन में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किया जा रहा था, उस पर भी कब्जा जमा कर गांव के एक दबंग ने अपना ठिकाना बना लिया है. उसने उसमें घर बनाया और गृह प्रवेश करने के बाद अब उसमें निवास भी कर रहा है. वहीं, जब आंगनबाड़ी सेविका बच्चों को लेकर पढ़ाने के लिए केंद्र पर पहुंचती है तब उन्हें वापस लौटना पड़ता है.
अब वैकल्पिक व्यवस्था तलाश रहा है विभाग
इस मामले को लेकर स्थानीय सेविका ने पहले ग्रामीणों को इसकी जानकारी दी. बाद में ग्रामीण, बुद्धिजीवी, पंचायत के मुखिया से लेकर अन्य लोगों ने उस दबंग को समझाया लेकिन नहीं माना और उसने आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन रोक दिया. दरअसल, आंगनबाड़ी केंद्र पहले पूर्व की सेविका सरिता देवी के निजी घर में संचालित होता था. सेविका के इस्तीफा देने के बाद नई सेविका के लिए चयन की प्रक्रिया पूरी करने के 2 साल तक केंद्र बंद रहा. वर्तमान सेविका जुली कुमारी ने बताया कि केंद्र बंद होने की सूचना विभाग के वरीय अधिकारियों को दी गई है. बरहट बाल विकास परियोजना की पर्यवेक्षिका उमा कुमारी ने बताया कि केंद्र का अपना भवन नहीं होने के कारण आंगनबाड़ी केंद्र पर सामुदायिक भवन में संचालित हो रहा था. अब अगर उस पर कोई अवैध हक जताता है तो इस संबंध में विभाग वैकल्पिक व्यवस्था की तलाश करेगा.
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FIRST PUBLISHED : March 21, 2024, 14:59 IST