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पाकिस्तान में नेताओं के अलावा, अब जजों को भी निशाना बनाया जा रहा है। एक के बाद एक कई हाईकोर्ट जजों को धमकी भरे लेटर मिले हैं। हैरानी की बात ये है कि इन लेटर के अंदर पाउडर भरा है। शुक्रवार को लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) के एक न्यायाधीश अली बकर नजफी को भी ऐसा ही एक “संदिग्ध” पत्र प्राप्त मिला है, जिसके अंदर घातक पाउडर भरा है। अब तक लाहौर हाईकोर्ट के कम से कम चार जजों को इसी तरह के पाउडर भरे खत मिल चुके हैं।
इससे पहले मंगलवार को, यह बात सामने आई थी कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) के सभी आठ न्यायाधीशों को सेलो-टेप से सील किए गए सफेद लिफाफे में पत्र भेजे गए थे। लिफाफों पर न्यायाधीशों के नाम और आईएचसी का पता लिखा हुआ था। सूत्रों ने कहा कि पत्रों में धमकी भरे संकेत थे और न्यायाधीशों पर पाकिस्तान के लोगों की समस्याओं के लिए जिम्मेदार होने का आरोप लगाया गया था।
दो जजों के स्टाफ ने जब लिफाफे खोले तो अंदर संदिग्ध पाउडर मिला। मामले की सूचना इस्लामाबाद हाईकोर्ट रजिस्ट्रार को दी गई, जिन्होंने उच्च न्यायालय की सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस कर्मचारियों को बुलाया। इसके बाद पाकिस्तान दंड संहिता (पीपीसी) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर में कहा गया है कि जिसने भी ये पत्र भेजे उसने अपना अधूरा पता लिखा है। पत्र में तहरीक-ए-नमूस पाकिस्तान का संदर्भ देते हुए न्याय प्रणाली की आलोचना की गई है। इसमें कहा गया है कि धमकी के लिए पत्र में एक विशेष फोटो और अंग्रेजी शब्द “बैसिलस एन्थ्रेसिस” लिखा है।
अगले दिन, इसी तरह के पत्र सुप्रीम कोर्ट और लाहौर हाईकोर्ट में पहुंचे, जिसके बाद आतंकवाद-रोधी विभाग (सीटीडी) ने इस्लामाबाद और लाहौर में मामला दर्ज किया है। शीर्ष अदालत में पत्र पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) काजी फैज ईसा, न्यायमूर्ति अतहर मिनल्लाह, न्यायमूर्ति जमाल खान मंडोखाइल और न्यायमूर्ति अमीनुद्दीन को भेजे गए थे। एक अज्ञात समूह द्वारा भेजे गए पत्रों में लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों “शैतानों को बचा रहे हैं।” लिफाफे के अंदर संदिग्ध पाउडर पाया गया और उसे फोरेंसिक लैब में भेजा गया। प्रत्येक लिफाफे से संदिग्ध पाउडर की एक मात्रा ली गई और उसे फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
क्या है एंथ्रेक्स?
खतों के अंदर पाए जाने वाले सफेद पाउडर के घातक ‘एंथ्रेक्स’ होने की आशंका है। पंजाब प्रांत के एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा, ‘‘पाउडर को जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजा गया है कि क्या यह एंथ्रेक्स है।” एंथ्रेक्स के हमले का एक लंबा इतिहास रहा है। एंथ्रेक्स पाउडर में बैसिलस एन्थ्रेसीस नामक ग्राम-पॉजिटिव, रॉड के आकार के बैक्टीरिया को प्रोसेस करके डाला जाता है। एंथ्रेक्स एक घातक हथियार की तरह है लेकिन इसे चुपचाप और बिना किसी को पता चले छोड़ा जा सकता है। सूक्ष्म बीजाणुओं को पाउडर, स्प्रे, भोजन और पानी में डाला जा सकता है। क्योंकि वे इतने छोटे होते हैं कि आप उन्हें देख या सूंघ नहीं सकते हैं। एंथ्रेक्स का प्रयोग पहले भी एक हथियार के रूप में किया जाता रहा है।
पाकिस्तान उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को धमकी भरे पत्र तब सामने आए जब उच्चतम न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लिया और आईएचसी के उन छह न्यायाधीशों के मामले की सुनवाई के लिए प्रधान न्यायाधीश काजी फैज ईसा की अध्यक्षता में सात-सदस्यीय पीठ का गठन किया, जिन्होंने आईएसआई सहित जासूसी एजेंसियों पर न्यायिक मामलों में हस्तक्षेप का आरोप लगाया था। इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने आईएचसी और एलएचसी न्यायाधीशों को भेजे गए सफेद पाउडर युक्त धमकी भरे पत्रों की गहन और तत्काल जांच की मांग की है। पीटीआई के एक प्रवक्ता ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि घातक और जहरीले पदार्थ वाले पत्रों का उद्देश्य न्यायाधीशों को डराना था। इस बीच, प्रधान न्यायाधीश ईसा ने बुधवार को न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर किसी भी हमले को विफल करने का संकल्प लिया।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को “जहरीले पत्रों” के रहस्य को सुलझाने की कसम खाई थी। उन्होंने कहा कि सीटीडी इन पत्रों के पीछे के लोगों का पता लगाएगी। अधिकारियों ने पता लगाया है कि रावलपिंडी के जनरल पोस्ट ऑफिस से न्यायाधीशों को पत्र भेजे गए थे। लेकिन परिसर में सीसीटीवी कैमरों नहीं लगे हैं जिसके कारण भेजने वाले की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है।