विशाल झा /गाजियाबाद: सिर्फ दोस्तों के मजाक पर या फिर अपने पुराने किस्से को याद करके ही हंसना जरूरी नहीं है, बल्कि अगर आप हंसते रहने के अंदाज को अपनी डेली रूटीन में शामिल कर ले तो यह आपकी सकारात्मक छवि को बढ़ावा देगा. कहते है हंसने से जिंदगी की सारी मुश्किलें हल हो जाती है और हमें जिंदगी को खुलकर जीने के लिए एक नई ऊर्जा भी प्राप्त होती है. लेकिन आजकल की खराब दिनचर्या, नौकरी और पढ़ाई की टेंशन और नेगेटिविटी थॉट्स में दिन भर रहने के कारण चेहरे से हंसी गायब होती जा रही है.
हर वर्ष 20 मार्च को इंटरनेशनल डे आफ हैप्पीनेस मनाया जाता है. दुनिया भर के लोगों के बीच जीवन में हैप्पीनेस के महत्व को जानने के लिए इस दिन को मनाते है. अक्सर व्यक्ति बाहरी चीजों में खुशियां ढूंढने की कोशिश करता है जो कई बार उनके तनाव का कारण बन जाती है. अपने अंदर की छिपी खुशियों को कैसे पहचाने इसी पर हमने ज्यादा बात की मनोचिकित्सक डॉक्टर ए.के विश्वकर्मा से.
दिमागी न्यूरॉन्स के लेवल पर ध्यान रखना जरूरी
इंसानी दिमाग न्यूरॉन्स के तहत कार्य करता है. जिसको हम न्यूरोट्रांसमीटर कहते है. तो इंसान के मूड में गुस्सा, खुशी या उदासी ये सभी दिमागी केमिकल्स पर निर्भर करता है और केमिकल्स का इंसान के मूड पर काफी प्रभाव पड़ता है.अगर किसी का मूड अच्छा नहीं है तो इसका मतलब उनका सेरोटोनिन लेवल कम हो रहा है. जिसके बहुत से कारण हो सकते है जैसे डिप्रेशन, कोई ऐसी बीमारी जो जीवन भर चलती है. तो वो इंसान के शरीर के सेरोटोनिन लेवल को कम कर देती है.
इसलिए उनको इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए कि इसको कैसे मेंटेन किया जाए. हां, कई बार काउंसलिंग के बाद भी अगर व्यक्ति काउंसलिंग से नहीं ठीक हो रहा है तो फिर हम मेडिसिंस पर जाते है और फिर सेरोटोनिन लेवल को बढ़ाने के लिए दवाई दी जाती है.
सोशल लाइफ में ज्यादा समय देने की जरूरत
हेल्दी लाइफ़स्टाइल मेंटेन रखना काफी जरूरी है क्योंकि अगर वो डिस्टर्ब हुई तो आपकी मेंटल हेल्थ भी डिस्टर्ब रहेगी. कसरत करने से आपके अंदर एक नई ऊर्जा डेवलप होती है और आप अच्छा और आत्मविश्वास महसूस करने लगते हो. इसके साथ ही सीजनल फ्रूट भी खाने की जरूरत है जो अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते है. अच्छी मेंटल हेल्थ को मेन्टेन रखने में सबसे बड़ी भूमिका फ्रेंड सर्कल की भी होती है क्योंकि बहुत सारी ऐसी बातें होती है.
अगर आप किसी से शेयर कर लेते है तो फिर उस चीज का मानसिक दबाव आपके मन में कम हो जाता है. कई बार मेंटल प्रोग्राम की थीम भी ‘ लेट्स टॉक’ के नाम से होती है. वो सिर्फ इसलिए ही ताकि व्यक्ति अपनी परेशानी के बारे में बात करें. ऐसे दोस्त जरूर होने चाहिए जिससे आप लगातार मिलते रहे, विचारों को शेयर करें और अपनी प्रॉब्लम को फ्रेंड्स को बताएं और उनकी प्रॉब्लम सुने. अपनी सोशल लाइफ पर ध्यान दें
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FIRST PUBLISHED : March 20, 2024, 11:34 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.