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आईआईटी बॉम्बे ने उन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है जिनमें यह दावा किया गया था कि यहां के 35.6 फीसदी छात्रों को इस साल के प्लेसमेंट सीजन में अभी तक नौकरी नहीं मिली है। देश के दिग्गज इंजीनियरिंग संस्थान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट कर कहा कि 2022-23 में स्नातक करने वाले छात्रों के बीच किया गया एक एग्जिट सर्वे कहता है कि केवल 6.1 प्रतिशत छात्र ही अभी नौकरी की तलाश में हैं। आईआईटी बॉम्बे द्वारा शेयर किए गए एग्जिट सर्वे के मुताबिक 57.1 प्रतिशत छात्रों को नौकरी मिल गई है जबकि 12.2 प्रतिशत ने हायर डिग्री का विकल्प चुना है। 10.3 प्रतिशत विद्यार्थी ऐसे हैं जो आईआईटी-बॉम्बे के बाहर नौकरी चाहते हैं। सर्वे से यह भी पता चला कि 8.3 प्रतिशत छात्रों ने सार्वजनिक सेवाओं में जाने की इच्छा जताई है। 1.6 प्रतिशत ने स्टार्ट-अप का ऑप्शन चुना है और 4.3 फीसदी ने अभी तक फैसला नहीं किया है।
आईआईटी की यह प्रतिक्रिया उस रिपोर्ट पर आई है जिसमें कहा जा रहा था कि इस साल 2000 रजिस्टर्ड छात्रों में से करीब 712 छात्रों को अभी तक इस सीजन में कोई प्लेसमेंट नहीं मिला है। इसे लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी रोजगार के मुद्दे पर मोदी सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था -‘बेरोज़गारी की बीमारी की चपेट में अब IIT जैसे शीर्ष संस्थान भी आ गए हैं। IIT मुंबई में पिछले वर्ष 32% और इस वर्ष 36% स्टूडेंट्स का प्लेसमेंट नहीं हो सका। देश के सबसे प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थान का ये हाल है, तो कल्पना कीजिए BJP ने पूरे देश की स्थिति क्या बना रखी है।’
खबरों में यह भी कहा गया था कि प्लेसमेंट की कमी की परेशानी से उबरने के लिए IITs ने जनवरी में प्लेसमेंट का नया दौर शुरू किया है। साथ ही कई संस्थानों में नई कंपनियों को आमंत्रित करने की तैयारी शुरू की गई है। कुछ संस्थानों में प्लेसमेंट के दूसरे दौर को जून या जुलाई तक बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।
आईआईटी कानपुर से शिक्षा हासिल कर चुके धीरज सिंह टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार से बातचीत में कहते हैं कि छात्र सरकारी कंपनियों या यूपीएससी या एसएससी के विकल्पों को भी देख रहे हैं, जो सुरक्षित होते हैं। सिंह को आईआईटी दिल्ली की तरफ से मिले आरटीआई जवाब में बताया गया है कि इस साल 28 फरवरी तक 1036 छात्र प्लेस हुए हैं। हालांकि, इसमें उन छात्रों की संख्या का ब्योरा नहीं था, जिन्होंने प्लेसमेंट के लिए रजिस्ट्रेशन किया था। रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2023 तक प्लेसमेंट का पहला चरण खत्म होने के बाद आईआईटी दिल्ली ने जानकारी दी थी कि करीब 1 हजार छात्र प्लेस हो चुके हैं। सिंह का कहना है, ‘तो 15 जनवरी और फरवरी के अंत तक मात्र 36 छात्रों की ही नौकरी लगी…।’