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UPSC Success story: हम अक्सर यूपीएससी अभ्यर्थियों की सफलता की कहानियां सुनते हैं जो हमें प्रेरित करती हैं। ऐसी ही एक कहानी है आईपीएस सफीन हसन की। वह एक मजदूर के बेटे हैं, जिन्होंने साल 2018 में 570 की ऑल इंडिया रैंक के साथ यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा में सफलता हासिल की थी। उनकी इस उपलब्धि ने उन्हें 22 साल की उम्र में सबसे कम उम्र का आईपीएस अधिकारी बना दिया था। हालांकि सफीन का आईपीएस बनने का सफर आसान नहीं था। इस मुकाम को हासिल करने के लिए खराब आर्थिक स्थिति के कारण उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। आइए जानते हैं, उनके बारे में।
सफीन के माता-पिता एक हीरे की यूनिट में काम करते थे, लेकिन साल 2000 में उनकी नौकरी छूट गई। रिपोर्ट्स के अनुसार, घर का खर्चा संभालने के लिए उनकी मां ने दूसरों के घरों में कुक के रूप में काम करना शुरू कर दिया, जबकि उनके पिता दिन में ईंटें ढोते थे और शाम को वे उबले अंडे बेचने के लिए स्टॉल लगाते थे। हालांकि माता- पिता से गरीब परिस्थिति के कारण भी सफीन की पढ़ाई को रुकने नहीं दिया है।
जानते हैं सफीन के बारे में
सफीन हसन का जन्म 21 जुलाई 1995 को हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा गुजरात के कनोदर गांव से पूरी की थी। उनके परिवार की खराब आर्थिक स्थिति के कारण स्कूल वालों ने उनकी फीस कक्षा 11वीं और 12वीं के लिए माफ कर दी थी। जब उन्होंने एक इंजीनियरिंग संस्थान में दाखिला लिया, तो सफीन रिश्तेदारों ने ट्यूशन फीस देने में उनकी मदद की थी। आपको बता दें, ,सफीन शुरू से ही पढ़ाई में अच्छे रहे हैं। कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने फैसला कर लिया था कि वह यूपीएससी की परीक्षा में शामिल होंगे, लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था। सफीन साल 2017 में यूपीएससी की परीक्षा देने जा रहे थे, तभी एक दुर्घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे, हालांकि उन्होंने उस दिन परीक्षा नहीं छोड़ी और परीक्षा में शामिल हुए। बाद में उन्हें गंभीर चोटों के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिसके लिए उन्हें कई ऑपरेशन और फिजियोथेरेपी सेशन भी कराने पड़े थे। दुर्घटना के बाद परीक्षा में शामिल हुए सफीन की मेहनत रंग लाई। उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा 570वीं रैंक से साथ पास कर ली थी। बता दें, उन्हें 23 दिसंबर, 2019 को गुजरात के जामनगर जिले में सहायक पुलिस अधीक्षक का पद हासिल किया था।
एक न्यूज पोर्टल के साथ इंटरव्यू में, सफीन हसन ने बताया था कि उन्हें इसकी प्रेरणा अपने जिला मजिस्ट्रेट से मिली, जिन्होंने एक बार उनके स्कूल का दौरा किया था। उस खास मुलाकात के बाद सफीन ने आईएएस अधिकारी बनने का फैसला कर लिया था। आपको बता दे, सफीन ने गुजरात पीएससी परीक्षा में 34वीं रैंक भी हासिल की थी, जिसके बाद उन्हें जिला रजिस्ट्रार का पद मिला था। हालांकि वह शुरू से ही IPS अधिकारी बनना चाहते थे, जिसके बाद उन्होंने UPSC परीक्षा दी और सफल हुए।