सनन्दन उपाध्याय/बलिया: क्या आप भी रोगों से ग्रस्त होते जा रहे हैं. कहीं आपके शरीर में उत्पन्न हो रही तमाम बीमारियों का कारण आपका भोजन तो नहीं? जी हां, आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के मुताबिक शरीर में उत्पन्न हो रही तमाम बीमारियों का कारण विरुद्ध आहार हो सकता है. जिसका आयुर्वेद में विस्तृत वर्णन किया गया है. विरुद्ध आहार न केवल शरीर को बीमारियों का घर बना सकता है, बल्कि एक व्यक्ति को मृत्यु तक भी पहुंचा सकता है. इसलिए खासतौर से आहार पर ध्यान देने की बहुत आवश्यकता है. अगर हम विरुद्ध आहार से बचंे या सतर्क हो जाएं तो शायद शरीर बीमारियों का शिकार नहीं हो पाएगा.
राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय नगर बलिया की चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर प्रियंका सिंह ने कहा कि आयुर्वेद में विरुद्ध आहार का विस्तृत वर्णन किया गया है, जो शरीर के लिए काफी महत्वपूर्ण है. कुछ ऐसे भोजन होते हैं, जिनको अन्य भोजन के साथ लेना जहर के समान होता है, जिसे विरुद्ध आहार कहा जाता है. इस प्रकार का भोजन करने से शरीर बीमारियों का घर बन जाता है.
शरीर को बीमारियों का घर बना सकता है विरूद्ध आहार
डॉ. प्रियंका सिंह ने आगे बताया कि विरुद्ध आहार का आयुर्वेद में बहुत विस्तृत वर्णन किया गया है. विरुद्ध आहार को लेकर लगभग 18 प्रकार का वर्णन किया गया है. जिनमें से कुछ शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बेहद महत्वपूर्ण और लाभकारी होते हैं, उन पर आज हम फोकस करेंगे.
दूध और केले को एक में मिलाना विरुद्ध आहार
लोग वजन को बढ़ाने के लिए केले और दूध का एक साथ सेवन करते हैं. आयुर्वेद के मुताबिक हकीकत में इस प्रकार का नाश्ता असंगत के श्रेणी में आता है. हर फल में कुछ खट्टेपन की मात्रा पाई जाती है. केले में भी विटामिन सी पाया जाता है, ,जो की दूध के साथ सेवन करना लाभकारी नहीं होता है.
गर्म पानी के साथ शहद का न करें सेवन
कुछ लोग वजन कम करने के लिए शहद को गर्म पानी के साथ सेवन करते हैं, सत्यता यह है कि जब शहद को गर्म किया जाता है तो उसके सारे एंजाइम्स मर जाते हैं. इससे टॉक्सिन पैदा होता है.
असमय दही का सेवन भी जहर के समान
कुछ लोग दही का सेवन भी अपने हिसाब से करते हैं यह भी शरीर के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है. रात्रि में कभी भी दही का सेवन नहीं करना चाहिए. शरद, ग्रीष्म और वर्षा ऋतु में भी दही का सेवन आयुर्वेद में वर्जित बताया गया है. इसको आयुर्वेद में काल विरुद्ध बताया गया है.
मछली खाने के तुरंत बाद दूध पीना बेहद हानिकारक
कुछ लोग क्या करते हैं कि मछली या नॉनवेज खाने के बाद दूध का सेवन कर लेते हैं. यह जानना हर किसी के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि मछली उष्णवीर्य है और दूध शीतवीर्य होता है. इसका वर्णन वीर्य विरुद्ध करके आयुर्वेद में आता है.
भोजन करने का तरीका भी शरीर के लिए महत्वपूर्ण
कुछ लोग भूख न लगने पर भी भोजन कर लेते हैं, कुछ लोग भूख लगने पर भी भोजन नहीं करते हैं या फिर कुछ लोग बिना मल मूत्र त्याग किए हुए ही भोजन कर लेते हैं. कुछ लोग सार्वजनिक स्थान पर बैठकर बोलते हुए हंसते हुए भोजन करते हैं. यह भी विरुद्ध आहार है. तो इस प्रकार के विरुद्ध आहार के सेवन से बचना चाहिए. यह शरीर के लिए काफी हानिकारक होता है. इसके कारण शरीर में तमाम प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं. जैसे चर्म से संबंधित रोग और अंधापन जैसी तमाम गंभीर बीमारियों का शिकार बनना पड़ता है. यहां तक कि आयुर्वेद में विरुद्ध आहार एक स्वस्थ व्यक्ति को मृत्यु तक भी पहुंचा सकता है. इसलिए विरुद्ध आहार के सेवन से बचें और अपने आप को सुरक्षित रखें.
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FIRST PUBLISHED : March 13, 2024, 11:52 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.