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जोधपुर पुलिस ने 300 फर्जी सिम बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. आरोपियों ने मजदूरों के नाम पर सिम लेकर साइबर क्रिमिनल्स को बेचे, जिससे 50 लाख की ठगी हुई. 31 मोबाइल, 104 सिम बरामद.

पुलिस उपायुक्त पश्चिम राजर्षि राज वर्मा
हाइलाइट्स
- जोधपुर पुलिस ने 300 फर्जी सिम बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया.
- आरोपियों ने मजदूरों के नाम पर सिम लेकर साइबर क्रिमिनल्स को बेचे.
- 31 मोबाइल, 104 सिम, और अन्य सामग्री बरामद की गई.
जोधपुर:- जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट की वेस्ट टीम को बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने अनपढ़ मजदूरों के नाम से अनगिनत मोबाइल सिम लेकर साइबर क्रिमिनल्स को सप्लाई करने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. एयरटेल और वीआई की सिम बेचने वाला रिटेलर मोबाइल शॉप संचालक है. दोनों आरोपियों ने अब तक 300 फर्जी सिम साइबर ठगों को उपलब्ध करवाई है. इन फर्जी सिमों के जरिए 50 लाख की साइबर ठगी की वारदातों का पता चला है.
एक व्यक्ति के नाम 4-5 सिम
पुलिस उपायुक्त पश्चिम राजर्षि राज ने लोकल 18 को बताया कि सूचना मिली कि सिम रिटेलर राहुल कई कंपनियों की सिम गलत लोगों को जारी करता है. सूचना पर बासनी थाना अधिकारी नितिन दवे और हेड कांस्टेबल प्रेम चौधरी के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया. टीम ने फर्जी आईडी पर लिए गए सिम नंबरों की डिटेल ली. जांच में पता चला कि एक-एक व्यक्ति के नाम से चार से पांच सिम है.
31 मोबाइल, 104 सिम को किया बरामद
पुलिस ने इस मामले में दोनों आरोपियों को पकड़ा, तो उनसे 31 मोबाइल, 104 सिम, एक CPU, 2 POS मशीन, 5 ATM, 1 चेकबुक सहित और कई साम्रगी बरामद की. पुलिस ने बताया कि कुल बेची गई 300 सिम में से 33 सिमों से तकरीबन 50 लाख रुपए का फ्रॉड हुआ है. डीसीपी ने बताया कि सभी 300 सिम ब्लॉक करवा दी गई है.
300 से ज्यादा सिम कर चुके एक्टिवेट
दोनों आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि मजदूरों के नाम से वे अब तक तकरीबन 300 से ज्यादा मोबाइल सिम फर्जी तरीके से एक्टिवेट करके साइबर फ्रॉड करने वाले गिरोह के नेटवर्क को दे चुके हैं. इनमें से 33 सिम के नंबरों की ही छानबीन में देशभर में 36 शिकायत दर्ज होने और इनके जरिए तकरीबन 50 लाख रुपए से ज्यादा की साइबर फ्रॉड की वारदातें होना सामने आया है. ऐसे में सभी 300 सिम से फ्रॉड का यह आंकड़ा करोड़ों रुपए का हो सकता है.
धोखे में रखकर वेरिफिकेशन करवाकर सिम लिया
बासनी थाना अधिकारी नितिन दवे ने Local 18 को बताया कि पड़ताल में सामने आया कि राहुल कुमार झा और मोहम्मद इकबाल के पास जब भी कोई व्यक्ति सिम लेने या नंबर पोर्ट करवाने जाता, तो वह उसको धोखे में रखकर 2 से 3 बार बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन करते और तीन सिम एक्टिव कर लेते. एक सिम उसे देते और दो सिम आगे 400-400 रुपए में बेंच देते. माना जा रहा है कि आगे इससे भी कई महंगी ठगों को दी जाती है.
पुलिस को ऐसे पता चली सच्चाई
इस पर पुलिस टीम में शामिल एसआई सुरेश कुमार, डीएसटी प्रभारी एसआई पिंटू कुमार, बासनी थाने के हेड कॉन्स्टेबल दिनेश, साइबर एक्सपर्ट कॉन्स्टेबल जगदीश, कॉन्स्टेबल दिनेश नायल, रामदीन, सुरेश कुमार व शंकरलाल की टीमों ने उन लोगों को ढूंढा, जिनके नाम से मोबाइल सिम जारी हुई थी. उन लोगों से पूछताछ की, तो उन्होंने खुद के नाम से दूसरी सिम होने से अनभिज्ञता जताई, लेकिन इन सभी ने राहुल मोबाइल वाला से ही एक सिम लेना बताया.
Jodhpur,Rajasthan
March 18, 2025, 16:24 IST