ऐप पर पढ़ें
सुप्रीम कोर्ट में मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2024 से संबंधित याचिकाओं पर फिर से सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने मामले की सुनवाई की। फिलहाल के लिए मामले की सुनवाई कल तक के टाल दी गई है। एक याचिका पर पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि NEET-UG 24 परीक्षा में कैंडिडेट्स को एक सवाल के लिए एक सही ऑप्शन चुनना था, लेकिन ऐसा नहीं था, इसके लिए दो सही ऑप्शन सुझाए गए थे। इस पर आईआईटी दिल्ली के एक्सपर्ट्स की राय लेनी चाहिए। हम आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर से अनुरोध करते हैं कि वे तीन एक्सपर्ट की एक कमेटी बनाएं, जो 12 बजे तक अपनी राय रजिस्ट्रार को भेजे।
याचिका कर्ता के वकील ने दिए ये तर्क
इस पर याचिका कर्ता के वकील ने भी तर्क दिए। उन्होंने कहा कि इस अनक्लियर सवाल की वजह से 44 स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स मिले और वो ऑल इंडिया रैंक वन पर आ गए। उन्होंने बताया कि कानपुर विश्वविद्यालय बनाम समीर गुप्ता मामले में भी ऐसा ही हुआ था और उसमें यह माना गया कि अगर कोई सवाल क्लियर नहीं है, तो उसे हटा दिया जाना चाहिए।
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि NTA का कहना है कि यदि दो सही ऑप्शन हैं, तो कोई भी टिक करें। लेकिन, मैं परीक्षा के समय यह तय नहीं कर सकता कि दो सही उत्तर हैं। मैं यह नहीं मान सकता कि दो सही उत्तर हैं और दोनों के लिए अंक दिए जाएंगे।
सीजेआई ने एनटीए को लिया आड़े हाथों
इस पर सीजेआई ने कहा कि यह एक मजबूत तर्क है। आपने निर्देश दिया है कि एनसीआआरटी की लेटेस्ट किताब के हिसाब से आंसर-की तैयार करें। ऐसे में ऑप्शन 4 सही है। फिर ऑप्शन 2 का उत्तर देने वालों को पूरे मार्क्स नहीं दिए जा सकते। उन्हें सिर्फ यह कहना चाहिए था कि एक उत्तर सही है। सीजेआई ने एनटीए को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि आखिरकार एनटीए दोनों ऑप्शन पर मार्क्स देने के फैसले पर क्यों पहुंचा? सॉलिस्टर जनरल ने बताया कि4,20,774 कैंडिडेट्स ने ऑप्शन 2 को चुना क्योंकि पुरानी एनसीईआरटी के हिसाब से वह सही था। वहीं, 9,28,379 कैंडिडेट्स ने ऑप्शन 4 चुना। ये नई एनसीईआरटी के हिसाब से सही था। सीजेआई ने कहा कि चिंता की बात है कि ऑप्शन 2 टिक करने वाले छात्रों में से कोई भी यहां नहीं है। जिन 44 विद्यार्थियों को 720 मार्क्स मिले थे, वे 715 पर आ जाएंगे।
अगर ऑप्शन 2 को गलत माना जाता है तो 4.20 लाख छात्रों को 4 मार्क्स का नुकसान होगा और एक नेगेटिव मार्क भी मिलेगा।