Tuesday, July 1, 2025
Google search engine
HomeदेशNITI Aayog Report: 9 साल में 24.82 करोड़ भारतीय गरीबी रेखा से...

NITI Aayog Report: 9 साल में 24.82 करोड़ भारतीय गरीबी रेखा से निकले बाहर, कौन राज्य रहा टॉप?


नई दिल्ली: नीति आयोग ने देश में गरीबी को एक रिपोर्ट जारी किया है. आयोग 2022-23 के लिए जारी रिपोर्ट में कहा कि पिछले 9 साल में 24.82 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं. प्रमुख राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई.

NITI आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में बहुआयामी गरीबी 2013-14 में 29.17 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में मात्र 11.28 प्रतिशत रह गई है. इस अवधि के दौरान लगभग 24.82 करोड़ लोग इस ब्रैकेट से बाहर निकल गए.

शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन स्तर में सुधार
नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर के तीन समान रूप से भारित आयामों में एक साथ अभाव को मापती है. यह 12 सतत विकास लक्ष्यों-संरेखित संकेतकों द्वारा दर्शाए जाते हैं.

12 सतत विकास लक्ष्यों में क्या-क्या हैं शामिल?
इनमें पोषण, बाल और किशोर मृत्यु दर, मातृ स्वास्थ्य, स्कूली शिक्षा के वर्ष, स्कूल में उपस्थिति, खाना पकाने का ईंधन, स्वच्छता, पीने का पानी, बिजली, आवास, संपत्ति और बैंक खाते शामिल हैं. नीति आयोग का राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) गरीबी दर में गिरावट का आकलन करने के लिए अल्किरे फोस्टर पद्धति का उपयोग करता है, हालांकि राष्ट्रीय एमपीआई में 12 संकेतक शामिल हैं, जबकि वैश्विक एमपीआई में 10 संकेतक शामिल हैं.

किस राज्य से कितने लोग गरीबी रेखा से हुए बाहर?
उत्तर प्रदेश में पिछले 9 वर्षों में सबसे ज्यादा 5.94 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले हैं. दूसरे नंबर पर बिहार है, जहां 3.77 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं, जबकि मध्य प्रदेश में 2.30 करोड़ और राजस्थान में 1.87 करोड़ लोग गरीबी रेखा से निकले हैं. रिपोर्ट के मुताबिक गरीब राज्यों में बेहद तेज रफ्तार के साथ गरीबी घटी है जिससे आर्थिक असामनता में कमी आई है.

एमपीएस में हुआ सुधार
पिछले 9 साल में एमपीएस के सभी 12 संकेतकों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. मीडिया को संबोधित करते हुए, नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने कहा कि 9 सालों में 24.82 लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले, यानी हर साल 2.75 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकल रहे हैं.

1% से भी कम करना सरकार का है टारगेट
नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने कहा, “सरकार का लक्ष्य बहुआयामी गरीबी को 1 प्रतिशत से नीचे लाना है और इस दिशा में सभी प्रयास किए जा रहे हैं.” रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत 2024 के दौरान एकल-अंकीय गरीबी स्तर तक पहुंचने के लिए पूरी तरह तैयार है.

गरीबी में तेजी से हो रही गिरावट
रिपोर्ट में कहा गया है, “2013-14 से 2022-23 के दौरान बहुआयामी गरीबी में गिरावट की दर तेज हो गई है.” इसमें इस बात पर भी जोर दिया गया है कि, ‘विशिष्ट अभाव पहलुओं में सुधार सरकार की बड़ी संख्या में पहल या योजनाओं से यह संभव हुआ है. पेपर में यह भी कहा गया है कि ‘भारत 2030 से काफी पहले सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) 1.2 (बहुआयामी गरीबी को कम से कम आधा कम करना) हासिल कर सकता है.’

तेजी से कम हो रही है गरीबी
नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक 2015-16 और 2019-21 के बीच सालाना 10.66 फीसदी के तेज गति के साथ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, जबकि, 2005-06 से लेकर 2015-16 के बीच सालाना 7.69 फीसदी के दर की रफ्तार से लोग गरीबी से बाहर निकलने में कामयाब हुए थे.



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments