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Pingali Venkayya Birth Anniversary : आज राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के डिजाइनर सेनानी पिंगली वेंकैया की जयंती है। आज पूरा देश भारत की एकता, अखंडता और विविधता के प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को बनाने वाले महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पिंगली वैंकैया जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। जीवन भर देश सेवा को समर्पित पिंगली वैंकैया ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के माध्यम से सभी भारतवासियों को एक सूत्र में पिरोने का काम किया। आज हर देशवासी उनके द्वारा बनाए गए तिरंगे से प्रेरणा लेकर राष्ट्र की प्रगति के लिए कार्य कर रहे हैं। राष्ट्रीय ध्वज की कल्पना करने वाले पिंगली वेंकैया का जन्म 02 अगस्त 1878 को वर्तमान में आंध्र प्रदेश में मछलीपट्टनम के भाटलापेनुमरु में हुआ था।
वेंकैया स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान गांधी जी के संपर्क में आए और 1921 में उन्होंने भारत का राष्ट्रीय ध्वज तैयार किया जो सभी देशवासियों को एक साथ जोड़ सके। वेंकैया ने इसके लिए 1916 से 1921 तक दुनिया के तमाम झंडो का अध्ययन किया था। उन्होंने 1931 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने इस ध्वज में सफेद रंग की पट्टी और धर्म चक्र (अशोक चक्र) जोड़ा और 22 जुलाई 1947 को इसे राष्ट्रीय ध्वज के लिए चुना गया।
– देश की अखंडता और स्वाभिमान के प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के रचनाकार पिंगली वेंकैया एक जियोलॉजिस्ट थे। वह आंध्र प्रदेश नेशनल कॉलेज में लेक्चरर भी रहे।
– पिंगली वेंकैया ने देशभक्ति के रंगों से राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने का काम किया। पिंगाली जापानी भाषा काफी फर्राटे के साथ बोलते थे। उन्हें कई बार लोग जापान वेंकैया भी कहकर पुकारते थे।
– युवावस्था के दौरान पिंगली को ब्रिटिश इंडियन आर्मी के सिपाही के तौर पर युद्ध के लिए दक्षिण अफ्रीका भेजा गया था। वहीं वह राष्ट्रवाद की भावना से प्रभावित हुए।
– पिंगली वेंकैया ने राष्ट्र के लोगों को एकता के सूत्र में बांधने के लिए राष्ट्रीय ध्वज के कई डिजाइन तैयारी किए। उन्होंने अन्य देशों के झंडों का भी गहरा अध्ययन किया। वर्ष 1921 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बैठक में महात्मा गांधी ने उनके एक डिजाइन को स्वीकृति दी। इस डिजाइन में हरी और लाल पट्टी थी और बीच में गांधी जी का चरखा था। गांधी जी के सुझाव पर उन्होंने ध्वज में सफेद पट्टी शामिल की।
– 1921 से 1931 तक कांग्रेस की बैठकों में अनौपचारिक रूप से पिंगली के झंडे का इस्तेमाल किया गया।
– भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1931 के सत्र में तीन रंगों वाले तिरंगा को औपचारिक मान्यता दी। इसमें केसरी, सफेद और हरा रंग था।
– 4 जुलाई 1963 को श्री वेंकैया ने दुनिया को अलविदा कहा।
– भारत सरकार ने 2009 में उनकी याद में डाक टिकट जारी किया था। इस बार भी केंद्र सरकार ने उनके सम्मान में डाक टिकट जारी करने का फैसला किया है।
– 2014 में ऑल इंडिया रेडियो के विजयवाड़ा स्टेशन का नाम उनके नाम पर रखा गया था।