Wednesday, July 2, 2025
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Ram Mandir Ayodhya: खुद को ‘फकीर’ कहने वाला निकला दिल से अमीर, राम मंदिर को दिया सबसे अधिक दान, कितना?


Ayodhya Ram Mandir Donation News: अयोध्या में भगवान श्रीराम के बाल स्वरूप रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होनी है. रामभक्तों के दान से ही राम मंदिर बनकर तैयार है. पीएम मोदी की मौजूदगी में 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होगी. राम मंदिर को अब तक 5500 करोड़ से अधिक का दान मिल चुका है और चंदा अब भी मिल रहा है. राम मंदिर के लिए दान करने वालों में एक राम भक्त ऐसा भी है, जो खुद को फकीर कहता है, मगर दिल से काफी अमीर है. हम बात कर रहे हैं आध्यात्मिक गुरु और कथावाचक मोरारी बापू की. मोरारी बापू ने राम मंदिर के लिए देशभर में सबसे अधिक चंदा दिया है.

Ram Mandir Ayodhya: अयोध्या राम मंदिर को अब तक कितना दान मिला

अपनी कथाओं में अक्सर मोरारी बापू खुद को फकीर कहते रहते हैं. मगर जब राम मंदिर बनाने के लिए दान की बात आई तो उन्होंने अपना बड़ा दिल दिखाया और राम मंदिर को सबसे अधिक पैसा दान किया. वैसे तो देश में एक से बढ़कर एक पैसे वाले हैं, मगर राम मंदिर के लिए दान देने की फेहरिस्त में मोरारी बापू ही टॉप पर हैं. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, अयोध्या स्थित भव्य राम मंदिर के लिए अब तक सबसे अधिक दान आध्यात्मिक गुरु और कथावाचक मोरारी बापू ने दिया है. मोरारी बापू ने राम मंदिर के लिए 11.3 करोड़ रुपये का दान दिया है. इतना ही नहीं, अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन में बैठे उनके रामभक्त अनुयायियों ने भी अलग से 8 करोड़ रुपये का दान दिया है.

Ram Mandir Ayodhya News: अयोध्या राम मंदिर को किस देश से आया पहला विदेशी दान, चंदा कितना और किसने दिया?

कौन हैं मोरारी बापू?
खुद को रामभक्त कहने वाले मोरारी बापू अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के समर्थक रहे हैं. हालांकि, इस मामले में वह उग्र होने की बजाय, हमेशा सरकारी और अदालती प्रयासों पर यकीन रखते थे. मोरारी बापू देश और दुनिया में रामकथा करने के लिए जाने जाते हैं. मोरारी बापू राम चरित मानस के प्रसिद्ध व्याख्याता हैं और दुनिया भर में पचास सालों से अधिक समय से राम कथाओं का पाठ कर रहे हैं.

Ram Mandir Ayodhya: खुद को 'फकीर' कहने वाला निकला दिल से अमीर, राम मंदिर को दिया सबसे अधिक दान, कितना?

गुजरात से क्या कनेक्शन?
1946 में गुजरात के भावनगर में जन्मे मोरारी बापू आज भी अपने परिवार के साथ वहीं रहते हैं. उनकी वेबसाइट के अनुसार, मोरारी बापू ने बारह साल की उम्र में संपूर्ण राम चरित मानस को याद कर लिया था और 14 साल की उम्र में राम कथा का पाठ करना शुरू कर दिया था. उनकी वेबसाइट के अनुसार, वह वैष्णव बावा साधु निम्बार्क वंश से हैं. मोरारी बापू की ख्याति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी उनकी कथा सुन चुके हैं.

Tags: Ayodhya, Ayodhya ram mandir, Gujarat, UP news



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