Friday, June 27, 2025
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Ramadan 2024 updates Saudi Arabia banned iftar in mosques ahead of Ramadan – International news in Hindi


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इस्लाम में रमजान का बहुत महत्व है। रमजान के पवित्र महीने का आगाज  10 मार्च से हो रहा है, जो 9 अप्रैल तक रहेगा। रमजान से पहले कट्टर इस्लामिक देश सऊदी अरब ने बड़ा कदम उठाया है। सऊदी अरब ने फैसला लिया है कि इस बार रमजान से पहले होने वाली इफ्तार पार्टियां नहीं की जाएंगी। प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने रअपने फैसले में यह भी कहा है कि इफ्तार के लिए दान एकत्र करने पर भी पूरी तरह से पाबंदी रहेगी।

सऊदी अरब के इस्लामिक मामलों के मंत्रालय ने 20 फरवरी के एक आदेश में मस्जिद कर्मचारियों के लिए आदेश जारी किया है कि रमजान के महीने के दौरान निर्देशों का पालन बहुत जरूरी है। मंत्रालय ने इमामों और मुअज्जिनों को इफ्तार दावतों के आयोजन के लिए वित्तीय दान एकत्र करने पर भी प्रतिबंधित करने के आदेश जारी किए हैं। एक्स पर एक पोस्ट में, नोटिस के कैप्शन में लिखा था, “इस्लामिक मामलों के मंत्रालय ने रमजान के पवित्र महीने के दौरान मस्जिदों से संबंधित कई निर्देश जारी किए हैं।”

ऐसा आदेश जारी क्यों किया

सऊदी अरब के इस्लामिक मामलों के मंत्रालय ने मामले में तर्क दिया है कि ऐसा कदम मस्जिदों में साफ-सफाई को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। दरअसल, मंत्रालय का कहना है कि रमजान से पहले मस्जिदों में इफ्तार पार्टियों से परिसर में गंदगी फैलती है। इसलिए इफ्तार पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। आदेश में कहा गया है, “देश के क्षेत्रों में इमाम और मुअज़्ज़िन रोज़ेदारों और अन्य लोगों के लिए इफ्तार के लिए दान एकत्र नहीं करेंगे।” 

इस्लामिक देश मस्जिदों के अंदर इफ्तार की दावतें आयोजित करने पर साफ-सफाई से समझौता किए जाने से परेशान है। मंत्रालय के नोटिस में कहा गया है, “साफ-सफाई की चिंताओं के कारण मस्जिदों के अंदर इफ्तार कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाने चाहिए, इसलिए मस्जिदों के प्रांगण में अस्थायी कमरों, तंबू आदि के उपयोग के बिना एक उचित स्थान तैयार किया जाना चाहिए, जहां इफ्तार किए जाएंगे।” इमाम और मुअज़्ज़िन की ज़िम्मेदारी के तहत, रोज़ा तोड़ने वाले का दायित्व है कि वह खाना ख़त्म करने के तुरंत बाद उस जगह को साफ करे।”  

मस्जिदों में कैमरों से रोजेदारों को परेशानी होगी

इसके अलावा, मंत्रालय ने मस्जिद परिसर के अंदर कैमरों के उपयोग न करने की भी बात कही है। आदेश में कहा है कि कैमरों का उपयोग इमाम और नमाज अदा करने वाले लोगों की रिकॉर्डिंग के लिए नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे उनकी श्रद्धा कमजोर होती है। मंत्रालय ने यह भी आदेश जारी किया कि प्रार्थनाओं को सोशल मीडिया सहित किसी भी प्रकार के मीडिया पर प्रसारित नहीं किया जाना चाहिए। इसलिए, प्रार्थना के समय मस्जिद परिसर के अंदर किसी भी कैमरे की अनुमति नहीं दी जाएगी।



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